UP Teacher Transfer: यूपी में तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षक, आदेश के एक महीने बाद भी नहीं शुरू हुई प्रक्रिया

UP Teacher Transfer

UP Teacher Transfer: बेसिक स्कूलों के शिक्षकों पर परस्पर तबादले की प्रक्रिया पर ग्रहण लग गया है। शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पाई है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते दिनों बेसिक स्कूलों शिक्षकों का जिले के अंदर परस्पर तबादले व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया एक महीने बाद भी नहीं शुरू हो पाई है। शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पाई है। जिसकी वजह से तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षक और शिक्षक मित्र अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. अभी तक न तो उनके तबादले की प्रक्रिया शुरू हो पाई है और न ही शिक्षामित्रों के समायोजन पर कोई काम हुआ है.

यूपी में परस्पर और सामान्य तबादले की प्रक्रिया सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में करने का निर्देश दिया गया है. इसके तहते 2023 में शुरू हुई तबादले की प्रक्रिया जनवरी 2024 में पूरी हो पाई थी और क़रीब एक साल बाद जिले में तबादले का शासनादेश 27 दिसंबर और जिले के बाहर तबादले का शासनादेश सात जनवरी को जारी किया गया था. इस आदेश के तहत दस जनवरी तक शिक्षकों को डाटा तैयार होने था लेकिन अभी तक विभाग के द्वारा एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया गया है.

एक महीने बाद भी नहीं शुरू हुई प्रक्रिया

हालात ये हैं कि एक जिले में तबादले की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है वहीं अंतर्जनपदीय तबादलों को लेकर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है ऐसे में शिक्षकों का इंतजार और लंबा हो गया है. नाराज शिक्षकों का कहना है कि विभाग पहले से ही छह महीने में होने वाली प्रक्रिया को लटकाते हुए एक साल में पूरा करवा पा रहा है और अब तो इसमें भी कोई काम होते नहीं दिख रहा. शासनादेश जारी करने में सर्दियों की छुट्टियां गुजर गईं और औपचारिकता पूरी करने में शायद गर्मियों की छुट्टियां भी निकल जाएं.

शिक्षकों ने कहा कि समय रहते तबादलों से जुड़ी प्रक्रियाओं को विभाग के द्वारा संपन्न करना चाहिए ताकि गर्मियों की छुट्टियों तक शिक्षकों को रिलीफ और नई ज्वाइनिंग कराई जा सके. लेकिन विभाग की ओर से इसे लेकर शिक्षकों को किसी तरह की जानकारी नहीं दी जा रही है.

बता दें कि बीते दिनों योगी सरकार ने बेसिक स्कूलों में अंतर्जनपदीय स्कूलों में तबादले को लेकर शिक्षकों की उनके कार्यरत जिले में सेवा अवधि की बाध्यता को खत्म कर दिया गया था. जिसके बाद लंबे समय से तबादले का इंतजार कर रहे लोगों में उम्मीद जगी थी.

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