महिलाओ को आर्थिक रुप से सक्षम बनाना जरुरी-जानें क्यो ?

बदलते परिवेश और बढ़ती हुई महंगाई में बेहतर जीवन जीने के लिए यह जरूरी है कि घर का हर वह सदस्य आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो, जो शारीरिक रूप से सक्षम है । दरअसल जब आप फाइनेंशली इंडिपेंडेंट होते हैं तो आपके लिए एक बेहतर जीवन चुनने में आसानी होती है महिलाओं के लिए यह भी बेहद जरुरी है।

दरअसल भारत में कई ऐसी महिलाएं हैं जो कुशल ग्रहणी है, और मां तो है ही, लेकिन इन सब के बदले उन्हें अपने करियर से हाथ धोना पड़ा …कई महिलाएं तो पढ़ी लिखी है लेकिन मेटरनिटी लीव के बाद कभी ऑफिस ज्वाइन नहीं कर पाई और इस वजह से उनका बना हुआ करियर खत्म हो गया…
तो आइए चलते जानते हैं कि एक महिला के लिए आत्मनिर्भर होना क्यों जरूरी है और उसके फायदे क्या है ?

⦁ जब एक महिला आर्थिक तौर पर आत्म निर्भर होती है तो वह बेहतर तरीके से अपने परिवार को हर तरह से सहयोग कर पाती है। महंगाई के इस युग में केवल एक इंसान के सैलरी से घर चलाना आसान नहीं होता है । ऐसे में महिला की आमदनी घर खर्च को काफी आसान बना देती है।

⦁ जब महिलाएं खुद कमाई करती है तो उन्हे हर छोटे-बड़े खर्चे के लिए पति से परमिशन मांगने की जरूरत नहीं पड़ती, वह खुद पर खर्च कर सकती हैं।

⦁ जो महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं उन्हें घर परिवार में अधिक सम्मान मिलता है। हालांकि यह सच है कि एक ग्रहणी का कार्य अधिक कठिन होता है लेकिन फिर भी हमारे समाज में उनके काम को अहमियत नहीं दी जाती , लेकिन अगर आप आत्मनिर्भर हैं परिवार के साथ रिश्तेदार पड़ोसी भी आपको सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।


⦁ हमारे देश , हमारे समाज का एक वर्ग आज भी ऐसा है जो घरेलू हिंसा का शिकार है और वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं होने की वजह से अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पाती, लेकिन अगर आप आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हैं, सक्षम है तो आपको अन्याय सहने की आवश्यकता नहीं।

⦁ देश की आधी आबादी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती है तो उनमें अधिक आत्मविश्वास होता है उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करता है ।

⦁ यही नहीं वह अपने परिवार और बच्चे के भविष्य के लिए बेहतर विकल्प ढूंढने और निर्णय लेने में भी सक्षम होती हैं।और महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब आत्मनिर्भरता और आर्थिक आत्मनिर्भरता भी हो ,महिलाओं को जरूरत है अपने अस्तित्व को पहचानने की और इसको बनाए रखने की ओर कदम बढ़ाने की।
देश बदल रहा है महिलाओं की दशा में भी सुधार आ रहा है । समय के साथ-साथ नारी शक्ति और सशक्त होती जा रही है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है यह बात तो सत्य है किंतु परिवर्तन का क्या परिणाम हुआ है और क्या होगा उस परिवर्तन को आने वाली पीढ़ी को किस तरह स्वीकार करना है इससे क्या सीख लेती है यह बात अधिक महत्वपूर्ण है ….

देखा जाए तो हर युग में प्रतिभाशाली महिलाएं रही है । हर युग में उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज में उदाहरण पेश किया है…. जैसे सीता, सावित्री ,दौपदी, गार्गी जैसे पौराणिक देवियों से लेकर रानी दुर्गावती ,रानी लक्ष्मीबाई ,अहिल्याबाई होल्कर, रानी चेन्नम्मा इसके अलावा इंदिरा गांधी और किरण बेदी से लेकर सानिया मिर्जा…
आधुनिक भारत की महिलाओं ने भी देश को विश्व में गौरवान्वित किया है और यही वजह है कि अगर आज हमारे देश की महिलाएं पढ़ी लिखी और आर्थिक तौर पर सक्षम होंगी तो अपने घर के सदस्यों को बेहतर बना पाएंगे । ऐसे में वर्तमान समय में ये बेहद आवशयक की देश की आधी आबादी सक्षम और आर्थिक तौर पर निर्भर हो ।

Article written by Mamta Chaturvedi