योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21वें सीएम के रुप में शपथ ली, केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक बने डिप्टी सीएम।

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21वें सीएम के रुप में शपथ ली, केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम के पद और गोपनीयता की शपथ ली। लखनऊ के खचाखच भरे इकाना स्टेडियम में आयोजित भव्य सपछ ग्रहण समारोह में लोखों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में समारोह हुआ। समारोह में पीएम नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा सहित सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मंच पर उपस्थित थे।

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री हैं। इनके बचपन का नाम अजय मोहन बिष्ट था । योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह विष्ट था जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे। इनकी माता जी का नाम सीवित्री देवी है। 20 अप्रैल 2020 को इनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट का देहान्त हो गया। अपने माता पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों और एक बड़े भाई के बाद ये पांचवी संतान हैं। इनसे छोटे इनके दो और भाई हैं।

आदित्यनाथ मंत्रिमंडल

1 – योगी आदित्यनाथ – सीएम, गोरखपुर सदर

डिप्टी सीएम / कैबिनेट मंत्री

  1. केशव मौर्य – डिप्टी सीएम, MLC –
    3 -.ब्रजेश पाठक – डिप्टी सीएम, लखनऊ कैंट।

4 – सूर्य प्रताप शाही, पथरदेवा, देवरिया
5-.सुरेश खन्ना, शाहजहांपुर
6 – स्वतंत्रदेव सिंह – MLC –
7 – बेबी रानी मौर्य – आगरा ग्रामीण
8- लक्ष्मी नारायण चौधरी – छाता, मथुरा
9 – जयवीर सिंह – मैनपुरी सदर
10 – धर्मपाल सिंह – बरेली
11 -.नंद गोपाल नंदी – प्रयागराज दक्षिण
12 – भूपेंद्र चौधरी MLC
13 – अनिल राजभर – गोरखपुर
14 – जितिन प्रसाद – शाहजहांपुर
15 – एके शर्मा – MLC – मऊ
16 – योगेंद्र उपाध्याय – आगरा दक्षिण
17- राकेश सचान – भोगनीपुर, (कानपुर देहात)
18 – आशीष पटेल – MLC
19 – संजय निषाद – MLC

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार

1 – नितिन अग्रवाल – हरदोई
2 – कपिलदेव अग्रवाल – मुजफ्फरनगर
3 – रविंद्र जायसवाल – वाराणसी नॉर्थ
4 – संदीप सिंह – अतरौली – (अलीगढ़)

  • 5 – गुलाब देवी – चंदौसी (संभल)
  • 6 -.गिरीश यादव – जौनपुर सदर
  • 7 -.धर्मवीर प्रजापति – MLC
  • 8-.असीम अरुण – कन्नौज सदर
  • 9 – जेपीएस राठौर – MLC
  • 10 – दयाशंकर सिंह – बलिया सदर
  • 11 – नरेंद्र कश्यप – MLC गाजियाबाद
  • 12 – डॉ.अरुण कुमार सक्सेना – बरेली
    13 -.दिनेश प्रताप सिंह सिंह
  • 14 – दयाशंकर मिश्र, दयालु, वाराणसी

राज्यमंत्री

1.- मयंकेश्वर सिंह – तिलोई (अमेठी)
2 -.दिनेश खटीक – हस्तिनापुर, (मेरठ)
3.- संजीव गौड़ – ओबरा (सोनभद्र)
4 -.बलदेव औलख, बिलासपुर (रामपुर)
5 – अजीत पाल – सिकंदरा (कानपुर देहात)
6 – जसवंत सैनी – खतौली (मुजफ्फरनगर)
7 – रामकेश निषाद – तिंदवारी (बांदा)
8 – मनोहर लाल मन्नू कोरी – महरौनी, (ललितपुर)
9 – संजय सिंह गंगवार – पीलीभीत
10 -.बृजेश सिंह – देवबंद
11 – केपी मलिक – बागपत
12 -.सुरेश राही – हरगांव (सीतापुर)
13 – सोमेंद्र तोमर – MLC मेरठ
14 – अनूप प्रधान – खैर (अलीगढ़)
15 -.प्रतिभा शुक्ला – अकबरपुर रानिया (कानपुर देहात)
16 -.राकेश राठौर गुरू – सीतापुर
17 -.रजनी तिवारी – शाहाबाद (हरदोई)
18 – सतीश शर्मा –
19 – दानिश आजाद अंसारी, अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं ( निवासी – बलिया )
20 -.विजय लक्ष्मी गौतम – सलेमपुर (देवरिया)

इन्होंने सन 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरु की और 1987 में यहीं से दसवीं की परीक्षा पास की। सन 1989 में ऋषिकेश के श्री भारत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इण्टरमिडीएट की परीक्षी पास की। 1990 में ग्रेजूएशन की पढ़ाई पूरी करते हुए ये अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से जुड़े। सन 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविधालय से इन्होंने मैथ से बीएससी की परीक्षा पास की।

कोटद्वार में रहने के दौरान इनके स्कूल के सारे सर्टिफिकेट चोरी हो गये। जिसके चलते गोरखपुर से साइंस से पोस्ट ग्रेजूएट करने का इनका प्रयास असफल रहा। इसके बाद फिर से इन्होंने ऋिषिकेश विश्वविधालय में साइंस से पोस्ट ग्रेजूएट में एडमिशन लिया। लेकिन राम मन्दिर आन्दोलन का प्रभाव के कारण इनका ध्यान बंट गया। 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आये और गोौरखपुर में अपने चाचा महंत अवैधनाथ की शरण में चले गये और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण रुप से सन्यासी बन गये।

इसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया। 12 सितम्बर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैधनाथ के निधन के बाद इन्हें यहां का महंत बनाया गया। इसके दो दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारम्परिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

योगी आदित्यनाथ सबसे पहले चर्चा में तब आये थे जब आजमगढ़ में इनपर जानलेवा हमला हुआ था। 7 सितम्बर 2008 के इस हमले में योगी बाल बाल बचे थे। ये हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक गाड़ियों के काफिले को हमलावरों ने घेर लिया और कई लोगों को पीटकर लहुलूहान कर दिया था। योगी आदित्यनाथ को तब गिरफ्तार किया गया था जब मुस्लिम त्यौहार मुहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू नवयुवक की जान चली गई थी। जबकि डीएम ने बताया था कि वह युवक जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ को वहां जाने से मना कर दिया था परन्तु योगी आदित्यनाथ वहां जाने के लिये अड़ गये । उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को तुरंत हटाने की मांग की।

अगले दिन उन्होंने शहर के बिच में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। योगी आदित्यनाथ ने इसकी बिल्कुल भी परवाह न करते हुए हजारों समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दी। योगी आदित्यनाथ पर कई धारायें लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद मुम्बई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग लगा दी गई, जिसका आरोप योगी जी के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। यह दंगा तुरंत यूपी के छह जिलों और तीन मंडलों में फैल गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गोरखपुर के जिलाधिकारी हरि ओम और एस पी राजा श्रीवास्तव का तबादला कर दिया था।

रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कुमार सिंह

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