बुंदेलखंड का खत्री पहाड़,जहाँ द्वापर युग में माँ विंध्यवासिनी विराजमान हुयी थी

बांदा, यूपी। विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में बसे बुन्देलखण्ड के बाँदा में माँ विंध्यवासिनी के कई स्थान बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। इन्ही में एक स्थान है खत्री पहाड़, जहाँ द्वापर युग में माँ विंध्यवासिनी विराजमान हुयी थी और आज भी लाखो श्रद्धालु यहाँ नवरात्र में उमड़ आते हैं। मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित बाँदा के गिरवा में नवरात्र के पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। ये स्थान बाँदा के गिरवा थाना क्षेत्र में स्थित खत्री पहाड़ है जहाँ माँ विंध्यवासिनी विराजमान हैं।

मान्यता है कि त्रेता युग में मथुरा में राजा कंस ने भगवान् श्रीकृष्ण के माता पिता को कारागार में कैद रखा था और जब भगवान् कृष्ण के जन्म के बाद उनके स्थान पर देवी महामाया को कंस ने मारने का प्रयास किया था तो देवी कंस के हाथ से निकल कर इसी पर्वत में आयी थी। लेकिन इस पर्वत ने उनका भार उठाने में असमर्थता व्यक्त की थी। जिस पर देवी ने इस पर्वत को कोढ़ी होने का श्राप दिया था। जिससे पूरा पर्वत में सफ़ेद दाग हो गए और यहाँ से मिर्ज़ापुर विंध्याचल पर्वत में विराजमान हो गयी थी। तभी से इस पर्वत में भक्तो ने माँ विंध्यवासिनी की पूजा अर्चना शुरू कर दी थी।

लोगो की मान्यता है की द्वापर युग से ही माँ विंध्यवासिनी नवरात्र की अष्टमी को मिर्ज़ापुर से खत्री पहाड़ आती थी और अपने भक्तो के कष्टो का निवारण करती थी। ये भी मान्यता है कि सन 1974 में मिर्ज़ापुर के पंडो के अत्याचार से व्यथित होकर माँ विंध्यवासिनी ने बाँदा की खप्तिहाकलां में एक 7 वर्षीय बालिका शांता को स्वपन दिया और इस बच्ची ने खत्री पहाड़ को चिन्हित कर वहाँ देवी को विराजमान करने की कोशिश की। लेकिन माँ विंध्यवासिनी का भार उठाते ही पर्वत फटने लगा जिस पर माँ विंध्यवासिनी ने पर्वत के ऊपर अपनी सातो बहनो को विराजमान कर खुद पर्वत के नीचे विराजमान हो गयी। कहा जाता है कि नवरात्र की अष्टमी और नवमी को माँ विंध्यवासिनी पर्वत के ऊपर विराजमान हो जाती हैं और आने वाले लाखो भक्तो के कष्टो का निवारण करती हैं।

हर साल की तरह इस साल भी नवरात्र के पहले दिन से ही खत्री पहाड़ मंदिर में भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी है। पहाड़ में 551 सीढियां चढ़कर लाखो श्रद्धालू रोज़ाना पहुँच रहे हैं और माँ विंध्यवासिनी के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करा रहे हैं। दर्शनार्थियों का कहना है कि इस मंदिर में आने वाले हर भक्त की मुरादें माँ विंध्यवासिनी पूरी करती हैं।

रिपोर्ट- जफर अहमद

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