मसूरी में अम्बेडकर जयंती की घूम, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज, संस्कृति में उत्कृष्ट कार्य कराये करने वाले लोगों को किया सम्मानित

मसूरी। मसूरी में भारतीय दलित साहित्य अकादमी के तत्वाधान में भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मसूरी में अम्बेडकर चौक पर घूमघाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी , पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पालिकाध्यक्ष मनमोहन मोहन सिंह मल्ल, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल व अकादमी के अध्यक्ष सुनील कुमार सहित अन्य अतिथियों के द्वारा बाबा साहेब की प्रतिमा में माल्यार्पण करके किया गया। सैकड़ों की तादाद में एकत्रित लोगों ने चौक पर लगी अम्बेडकर जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर बाबा साहेब अमर रहे के नारे लगाये। जयंती के शुभ अवसर पर अकादमी द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज, संस्कृति में उत्कृष्ट कार्य कराये करने वाले लोगों को डा0 भीमराव अम्बेडकर फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया वही करीब 8 स्कूलों के छात्र-छात्राओं को पढाई के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये स्व0 राधेश्याम सोनकर स्मृति अवार्ड और स्कोलसिप देकर सम्मानित किया गया।

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि डॉ- भीमराव आंबेडकर भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर के विचार और सिद्धांतों को धरातल पर उतारने की आवश्यकता है। बाबा भीमराव अंबेडकर ने आजीवन लोगों के हितों के लिए कार्य करते रहे। उन्होंने बाबा साहेब को इस देश के लिए एक वरदान बताया और उनके महत्व व कार्यों को रेखांकित किया। उन्होने कहा कि ‘मैं’ से ऊपर उठकर ‘हम’ का भाव होना चाहिए। समाज के प्रति भी कर्तव्य का निर्वहन आवश्यक है। इस मौके पर कई लोगों ने भाग लिया। गणेश जोशी ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर के सपनों को पीएम मोदी पूरा कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश मंे बाबा भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर सेवा सप्ताह के अंतर्गत विकलांगों के लिये बहुउद्देशीय शिविर का आयोजित किया जा रहा है। जिसमें मसूरी के महात्मा योगेश्वर शिशु मंदिर में बहुउद्देशीय शिविर के तहत व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल, छडी, नजर के चश्मे, कान की मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई गई है।

पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला और पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि कि संघर्ष करो, संगठित रहो, शिक्षित बनो, आगे बढ़ो, बाबा साहेब की यह भावना थी। मल्ल ने कहा कि बाबा साहब सत्य और अहिंसा की पूर्तिमूर्ति थे। उन्होंने गरीब व दलित परिवार में जन्म लेकर भी सिद्ध किया कि दृढ़ संकल्प, मेहनत और साहस से मनुष्य कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वे अपने उच्च मनोबल से जीवन की हर बाधा को पार करते हुए देश को सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक आजादी की समरसता में पिरोने में कामयाब हुए।

रिपोर्ट- सुनील सोनकर

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