नई दिल्ली। असम में NRC की अंतिम लिस्ट में जगह पाने वाले लोगों को आधार कार्ड जारी करने की मांग कके मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और UIDAI को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा हैं।मामले पर सांसद सुष्मित देव का कहना है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 182 दिनों के लिए देश में रहने वाला व्यक्ति भी आधार के नामांकन के लिए पात्र हो जाता है। इसलिए असम में जिन लोगो के नाम NRC की अंतिम सूची में हैं।उन लोगो को आधार कार्ड दिया जाना चाहिए।
मामले पर असम के मंत्री रंजीत कुमार दास का कहना है कि उन्होंने भारत के रजिस्ट्रार जनरल से NRC की SOP में संशोधन करने की अपील की है। जिसकी वजह से 8 लाख तीस हजार आवेदकों को आधार मिल सके। वहीं NRC के असम के राज्य समन्वयक हितेश ने बताया कि केवल सुप्रीम कोर्ट ही SOP में संशोधन कर सकता है। इस समय की SOP के तहत इन लोगों को उस वक्त तक आधार कार्ड नहीं मिलेगा जब तक रजिस्ट्रार जनरल NRC द्वारा अधिसूचना जारी करेगा।
दरअसल TMC की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर असम NRC, 2019 की अंतिम लिस्ट में जगह पाने वाले लोगों को आधार कार्ड जारी करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है।
रिपोर्ट- धर्मेन्द्र सिंह