लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों की वापसी के फैसले पर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पहले कार्तिक पूर्णिमा और गुरू नानक प्रकाश पर्व की किसानों को बधाई। ये किसानों के आंदोलन का परिणाम है तीनों कानूनों की वापसी हुई। ये लोकतंत्र की जीत है। सैकड़ों किसानों से झूठी माफी नहीं चलेगी, जिन्होंने माफी मांगी है वो राजनीति भी छोड़े। जनता इनकी झूठी माफी समझती है। सरकार चुनाव से डर गई है, वोट के लिए बिल वापस हुए हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले एक साल में किसानों को क्या क्या सुनना पड़ा। किसानों को उनके सहयोगियों ने भी अपमानित किया।मंत्रिमंडल के साथ पूरी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। जिस मंत्री पर आरोप है वो मंत्री अभी भी मंत्रिमंडल में है। विजय यात्रा में जनसैलाब ऐसा निकला उसने लखनऊ ही नही दिल्ली को भी हिला दिया। सरकार घबरा करके कानून वापस ले रही है। हो सकता है चुनाव बाद ये कानून फिर से वापस लेकर आयें। अगर इनकी नियत साफ होती तो किसानों को खाद क्यों नही मिल रही ? मंडियों को बंद करने का काम किया गया। किसानों के काले कानून वापस के साथ मंत्री जिन्होंने हत्या की उनका कब इस्तीफा होगा ? भाजप खुद नही समझना चाहती,ये कानून उद्योगपतियों के लिए बना है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बुंदेलखण्ड में प्रधानमंत्री आये हैं बताये किस मंडी को बजट दिया गया हैं। महोबा जिले में जंहा प्रधानमंत्री बोल रहे हैं जंहा किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की। बिना इन्हें हटाये बिना किसानों के हक में फैसला नहीं होगा। किसान इन्हें माफ नही करेगा इनका सफाया होगा। भाजपा वोट के लिए कर रही है। पूरे देश में नोटबंदी करने पर इनकी नजर में उत्तर प्रदेश के चुनाव थे। क्या माफी मांगने से जान वापस आ जायेगी क्या। जो जनसमर्थन सपा के साथ दिखाई पड़ रहा है यही कारण है प्रभारी के प्रभारी बन रहे हैं।