नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ किस तरह साजिशन खूनी साज़िश करके खिलवाड़ किया गया था इससे स्टिंग ऑपरेशन से पता चल गया। ये शरारतपूर्ण साज़िश, पूर्व प्रायोजित साज़िश का हिस्सा था,सुरक्षा के साथ कांस्पिरेसी थी,पंजाब सरकार को जिन नियमो का पालन करना था,जिसमे प्रोटोकॉल तहत राज्य के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव को अगवानी करनी थी, उसका पालन पंजाब सरकार ने नही किया….
दौरे से पहले इंटेलिजेंस के इनपुट जो आते हैं उसको समीक्षा की जाती है। इंटेलिजेंस इनपुट में पहले से तय था कि प्रधानमंत्री की रैली में 1 लाख लोग आएंगे, लेकिन इन सबकी अनदेखी करके प्रधानमंत्री की फ्लीट रोका गया। वहां कोई भी पीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता था। पंजाब के डीजीपी का उपस्थित न होना ब्लूबुक का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर पंजाब के मुख्यमंत्री का बयान हास्यास्पद और निंदनीय है,उंन्होने पीएम की सुरक्षा के चूक के बारे में कांग्रेस की उत्तरप्रदेश प्रभारी को सूचित किया, ये और भी पुख्ता करता है कि एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति एक ऐसे व्यक्ति को सूचना देने के बारे में करता है,जो किसी भी पद पर नही होता…!!
रिपोर्ट- धर्मेन्द्र सिंह