11 Years Of Modi Government: मोदी सरकार ने भारतीय लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को गहरा आघात पहुंचाया- खरगे ,राहुल बोले- मोदी सरकार 2025 पर बात करना छोड़, अब 2047 के सपने बेच रही ,मोदी सरकार की नाकामियों की आंकड़ों के साथ पोल खोलते हुए कांग्रेस ने जारी की ’11 साल झूठे विकास के वादे’ नामक पुस्तिका,11 वर्षों में 906 योजनाओं में से करीब 71 प्रतिशत योजनाएं फेल हुईं- कांग्रेस
11 Years Of Modi Government
नई दिल्ली, 09 जून
कांग्रेस ने मोदी सरकार के कार्यकाल को भारतीय लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गहरा आघात पहुंचाने वाला बताते हुए कहा कि 11 वर्षों में 906 योजनाओं की घोषणा की गई, लेकिन इनमें से करीब 71 प्रतिशत योजनाएं फेल हो गई हैं।
एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 11 वर्षों में भाजपा-आरएसएस ने हर संवैधानिक संस्था को कमजोर कर उनकी स्वायत्तता पर कड़ा प्रहार किया। समाज में नफरत, धमकी और डर का वातावरण फैलाने की कोशिश की जा रही है। दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक व कमजोर वर्गों का शोषण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की न थमने वाली हिंसा भाजपा की प्रशासनिक विफलता का सबसे बड़ा सबूत है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने देश को पांच-छह प्रतिशत की जीडीपी विकास दर की आदत डाल दी, जबकि यूपीए शासन के दौरान यह औसतन आठ प्रतिशत हुआ करती थी। युवाओं से करोड़ों नौकरियां छीनी गईं। महंगाई के कारण जनता की बचत 50 सालों में सबसे कम स्तर पर पहुंच गई है, जबकि आर्थिक असमानता 100 सालों में सबसे अधिक हो गई है। नोटबंदी, गलत जीएसटी, अनियोजित लॉकडाउन और असंगठित क्षेत्र पर हथौड़ा चलाकर करोड़ों का भविष्य बर्बाद कर दिया गया।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के 11 साल न तो जवाबदेही के रहे, न ही किसी ठोस बदलाव के; ये साल सिर्फ प्रचार के रहे हैं। सरकार 2025 पर बात करना छोड़, अब 2047 के सपने बेच रही है।
वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस रिसर्च विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर राजीव गौड़ा और कांग्रेस नेता महिमा सिंह ने कहा कि आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन उनके आंकड़े बेहद कमजोर हैं।
प्रोफेसर गौड़ा ने कहा कि मोदी सरकार 81 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न मिलने पर खुशी जता रही है, जबकि सच्चाई यह है कि देश में भूख की समस्या बेहद गंभीर है। विश्व भूख सूचकांक में भारत 127 देशों में 105 वें स्थान पर है। कुपोषण के कारण बच्चों की शारीरिक वृद्धि रुक रही है।
रक्षा क्षेत्र में पांच हजार से अधिक वस्तुओं को स्वदेशीकरण सूची में जोड़ने के दावे पर गौड़ा ने कहा कि इस सूची में शामिल 40 प्रतिशत वस्तुओं का अभी तक स्वदेशीकरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा उत्पादक और निर्यातक बनने के बजाय आज भी एक शीर्ष रक्षा आयातक बना हुआ है। डीआरडीओ की 55 मिशन मोड परियोजनाओं में 23 देरी से चल रही हैं। हमारे रक्षा बजट में अनुसंधान एवं विकास का हिस्सा केवल 5.45 प्रतिशत है।
भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के सरकार के दावे पर गौड़ा ने कहा कि हमें यह भी देखना होगा कि हम किस दर से बढ़ रहे हैं। पिछले साल देश की विकास दर 6.5 प्रतिशत थी, जो कोविड काल के बाद की सबसे कम दर है। निजी क्षेत्र में निवेश पिछले 11 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। उन्होंने देश में बढ़ती असमानता पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी बताया कि शीर्ष विश्वविद्यालयों में नवंबर 2024 तक पांच हजार शिक्षण पद खाली थे।
वहीं महिमा सिंह ने कहा कि मोदी सरकार पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को 3.7 लाख करोड़ रुपये वितरित करने का दावा करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि अप्रैल 2022 से नवंबर 2023 के बीच करीब सवा दो करोड़ लाभार्थी लिस्ट से ही हटा दिए गए।
महिमा सिंह ने नारी शक्ति को लेकर किए गए रंगीन पन्नों वाले दावों को भी झूठा बताया और कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के साथ अपराध के आंकड़े दोगुने हो गए हैं। स्टार्ट-अप इंडिया योजना के बारे में मोदी सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि केवल 2024 के अंदर ही 12,717 स्टार्टअप बंद हुए। 2021 में 38 बिलियन डॉलर के मुकाबले इन प्रोजेक्ट्स की फंडिंग 2024 में घटकर केवल 14.4 बिलियन डॉलर रह गई। उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए आतंकवादी हमलों और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 600 से ज्यादा भारतीयों को बेड़ियों में जकड़कर देश वापस भेजे जाने का भी उल्लेख किया।
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