Electoral Bond Case: बैंक खातों को फ्रीज कर कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग करने का प्रयास किया जा रहा
Electoral Bond Case
Electoral Bond Case: चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता दिखाए, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ की जाने वाली शिकायत पर हो कार्रवाई
वीवीपैट के मुद्दे पर चुनाव आयोग नहीं दे रहा विपक्षी पार्टियों को समय
नई दिल्ली, 17 मार्च
कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगा है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना में चार तरीकों से भ्रष्टाचार को अंजाम देकर भाजपा को फायदा पहुंचाया गया है। इस घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना होगा।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से 6,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा भाजपा को मिले हैं, कांग्रेस को करीब 1,400 करोड़ मिले। भाजपा ने अपना खजाना भरने के लिए धन उगाही के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड माध्यम से चार तरीकों से घोटाले को अंजाम दिया गया । पहला, चंदा दो-धंधा लो था। इसमें कई कंपनियां हैं, जिन्होंने चंदा दिया है। यह कंपनियां पहले भाजपा को चंदा नहीं दिया करती थी। इन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया। फिर इन कंपनियों को बड़े-बड़े कॉन्ट्रेक्ट मिले। दूसरा तरीका हफ्ता वसूली था। इसमें कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनके खिलाफ ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की छापेमारी हुई। छापेमारी के बाद कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए। ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर, डराकर, धमकी देकर चंदा लिया गया। तीसरा तरीका कॉन्ट्रैक्ट लो-रिश्वत दो था। इसमें भाजपा सांसद को भी एक कॉन्ट्रेक्ट मिला, कॉन्ट्रेक्ट मिलने के कुछ ही दिन बाद भाजपा सांसद ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा। चौथा तरीका शेल कंपनी बनाओ और चंदा देते जाओ था। इसमें कई ऐसी शेल कंपनियां हैं, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है। उनकी आमदनी क्या है, उनके मालिक कौन हैं, उसकी कोई जानकारी नहीं है।
जयराम रमेश ने कहा कि इन सभी का पूरा फायदा भाजपा को ही मिला है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना होगा। जिन कंपनियों का मुनाफा 20 करोड़ रुपये है, वो 400 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदती हैं। ये पैसा कहां से आया, ये किसका पैसा है। इलेक्टोरल बॉन्ड साफ तौर से मनी लॉन्ड्रिंग का एक रूट है।
जयराम रमेश ने कहा कि एक तरफ भाजपा ने चुनावी बांड के माध्यम से छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा एकत्र किए और दूसरी तरफ कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। यह कर आतंकवाद है। कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग करने का प्रयास किया जा रहा है।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का जिक्र हुए जयराम रमेश ने कहा कि न्याय यात्रा शनिवार रात पूरी हो गई। यात्रा को डॉ. भीम राव अंबेडकर के स्मारक पर समाप्त किया गया, जहां राहुल गांधी ने 70 लोगों के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। इस यात्रा ने छह हजार किमी से अधिक के मार्ग के साथ 106 जिलों को कवर किया है। वहीं भारत जोड़ो यात्रा करीब 140 दिन की पदयात्रा थी, जिसमें कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक 75 जिले कवर हुए थे। राहुल गांधी ने इन दोनों यात्राओं में कुल 181 जिलों में यात्रा की।
लोकसभा चुनाव की घोषणा को लेकर जयराम रमेश ने कहा कि कल आदर्श आचार संहिता लागू हुई है। मुख्य चुनाव आयोग ने कल लंबा प्रवचन दिया कि हेट स्पीच नहीं होना चाहिए, फर्जी समाचार का प्रचार नहीं होना चाहिए। क्या ये प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर भी लागू होगा, या सिर्फ कांग्रेस के नेताओं पर लागू होगा। चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था है, वह अपनी निष्पक्षता को दिखाए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ जो शिकायत की जाती है, उन पर कार्रवाई हो।
कांग्रेस महासचिव ने मांग दोहराई कि वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती होनी चाहिए, ताकि मतदाताओं का विश्वास बहाल हो सके। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसका काम निष्पक्ष चुनाव कराना है। लेकिन पिछले दस महीने से इंडिया गठबंधन के नेता वीवीपैट के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहे थे। अभी तक उन्हें समय नहीं दिया गया। लोकतंत्र में अगर विपक्षी पार्टियों की सुनवाई ही नहीं होती, तो ये कैसी निष्पक्ष संस्था है।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस “भागीदारी न्याय”, “किसान न्याय”, “नारी न्याय”, “श्रमिक न्याय” और “युवा न्याय” सहित पांच न्याय के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने हर एक न्याय के संदर्भ में कांग्रेस पार्टी की पांच गारंटियां दी हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 19 मार्च को होगी, जिसमें पार्टी के घोषणापत्र पर चर्चा होगी। इसके बाद घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। पांच न्याय की सभी 25 गारंटियां भी हमारे घोषणापत्र से ही आती हैं।
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