Bharat Band today: जानिए आज क्यों है भारत बंद

Bharat Band Today

Bharat Band today: जानिए आज क्यों है भारत बंद नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस नामक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लिए गए फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर और कोटा के भीतर कोटा लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित-आदिवासी संगठनों ने बुधवार को 14 घंटे के लिए भारत बंद करने का आवाह्न किया है। आपकों बता दे कि इसका असर केवल कुछ राज्यों में देखने को मिला है। भारत बंद करने का आखिर कारण क्या है, ऐसा क्या फैसला लिया गया जिससे लोगों ने भारत बंद करने का फैसला लिया।


दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोटा से संबंधित एक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 6-1 ने यह बताया कि राज्यों को आरक्षण के लिए कोटा के भीतर कोटा बनाने का अधिकार है। इसका मतलब यह हुआ कि राज्य सरकारें अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की श्रेणियों के कैटेग्रियां बना सकते हैं, ताकि जिन्हे इनकी बहुत जरुरत है वो इनका लाभ उठा सके। राज्य विधानसभाएं इस फैसले को लेकर कानून बनाने में समक्ष होंगी, जिनसे जरुरतमंदों की जरुरतों को पुरा किया जा सके। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में अपने लिए गए पुराने फैसले को पलट दिया है। इस पर कोर्ट का यह भी कहना था कि सब कैटेगिरी का आधार उचित होना चाहिए। कोर्ट के मुताबिक ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है। इस फैसले में यह साफ कहा गया था कि SC के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि SC में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र के द्वारा सुनाया गया।


भारत बंद को दलित और आदिवासी संगठन के अलावा अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां का भी समर्थन कर रहीं हैं। इसमें प्रमुख रूप से बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी (काशीराम) भारत आदिवासी पार्टी, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, एलपीजी समेत अन्य संगठन भी शामिल है। इन संगठनों का सुप्रीम कोर्ट से कहना है कि उनके द्वारा लिए गए फैसलों को वापस लिया जाये।

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