Pitra Shrap Se Kya Hota Hai: पितरों के श्राप के कारण व्यक्ति को जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पितरों के श्राप के कारण लोगों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
Pitra Shrap Se Kya Hota Hai
सनातन धर्म में पितरों का विशेष स्थान माना गया है, इसलिए हर शुभ कार्य में उनकी पूजा की जाती है। विवाह, जनेऊ जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर पितरों को आमंत्रित किया जाता है, क्योंकि उनके आशीर्वाद से संतान और परिवार का कल्याण होता है। यदि पितर अप्रसन्न हो जाते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार पूरा परिवार पितृ दोष से प्रभावित हो सकता है, और ऐसी मान्यता है कि इसका प्रभाव सात पीढ़ियों तक बना रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पितृ दोष के कारण व्यक्ति को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पितृ श्राप क्या है?
जब कोई व्यक्ति अपने माता और पिता को कष्ट पहुंचाता है या कोई अपराध करता है तो उसे मृत्यु के बाद भूत, प्रेत, पिशाच आदि योनि में भटकना पड़ता है. वहीं ऐसे अपराध करने के बाद व्यक्ति को जब अगला मनुष्य जन्म मिलता है, तो उसे पितृ श्राप का भागी बनना पड़ता है. वहीं ज्योतिष में 11 तरह के पितृ श्राप होते हैं, जिसमें सूर्य, शनि, राहु, चंद्रमा, गुरु आदि ग्रहों की कुंडली में स्थितियों को देखकर इसका विचार होता है. पिछले जन्म का पितृ श्राप, पितृ ऋण या पितृ दोष कुंडली को देखकर भी होता है.
पितरों के श्राप से आने वाली परेशानियां
संतानहीन
जो व्यक्ति पितरों के श्राप या पितृ दोष से पीड़ित होता है, उसकी कोई संतान नहीं होती है. वह संतानहीन होता है. ऐसे लोग कभी भी संतान का मुख नहीं देख पाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, पितर श्राप देते हैं कि जो व्यक्ति उनको तृप्त नहीं कर सका, उसे संतान की क्या जरूरत है. इस वजह से उसके वंश की वृद्धि नहीं हो पाती है.
धनहीन
जिन लोगों पर पितरों का श्राप होता है, वे संतानहीन के साथ श्रीहीन भी होते हैं. उनके पास धन, सुख, समृद्धि की कमी होती है. उनका जीवन तंगहाल होता है. पूरे जीवन में धन के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
घर की नहीं होती बरकत
जिन परिवारों पर पितृ दोष होता है, उसके घर की बरकत नहीं होती है. वे लोग कितना भी मेहनत करते हैं, मन के मुताबिक सफलता नहीं मिलती है. पितरों के कारण कार्यों में बाधाएं आती हैं, बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं या लंबे समय के लिए अटक जाते हैं. जीवन में असफलताओं के कारण उनका उत्थान नहीं हो पाता है.
बीमारी और शारीरिक कष्ट
मान्यताओं के अनुसार, जिनके पितर नाराज रहते हैं, उनके घर का कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है, उनको शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. परिवार का एक सदस्य स्वस्थ होता है तो दूसरा बीमार पड़ जाता है. परिवार के सदस्य दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं.
गृह क्लेश
पितरों की नाराजगी और उनके श्राप के कारण घर में हमेशा अशांति, वाद विवाद, परिवार के सदस्यों के बीच मारपीट, झगड़ा और एक-दूसरे के प्रति वैमनस्यता का भाव रहता है. गृह क्लेश के कारण हमेशा तनाव बना रहता है.
पितरों के श्राप की वजह से व्यक्ति के विवाह में अड़चनें और दांपत्य जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. पितृ दोष की वजह से व्यापार में धन हानि और असफलता मिलती है.
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