Chanakya Niti: चाणक्य नीति में बताया गया है इंसान प्रकृति में मौजूद विभिन्न जीवों से बहुत कुछ सीख सकता है. यह इंसान को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करता है. आइए जानते है.
Chanakya Niti
आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वान थे आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र नामक एक ग्रंथ लिखा था. इस ग्रंथ में चाणक्य ने राजनीति, समाज, धर्म, निजी संबंधों से जुड़ें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताया है ये नीतियां व्यक्ति को बहतर जीवन जीने की कला बताती हैं. इन नीतियों को अपने जीवन में ऊतारने वाला इंसान चुनौतियों से निपटने में सक्षम बन जाता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं इंसान प्रकृति में मौजूद विभिन्न जीवों से बहुत कुछ सीख सकता है ऐसे ही एक श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया कि इंसान जंगल के राजा शेर से बहुत कुछ सीख सकता है. उनके तरीको को अपनाकर व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है।
शेर की एकाग्रता
आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार, शेर की एकाग्रता अन्य जानवरों से बहुत अधिक होती है. यह अपने लक्ष्य को लेकर बहुत चौकन्ना रहता है. इंसान शेर के इस स्वभाव को सीख सकता है, जो व्यक्ति शेर की तरह अपने लक्ष्य के लिए एकाग्र होता है, वह हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ सकता है.
जिंदगी का एक लक्ष्य निर्धारित
आचार्य चाणक्य की इस बात का मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी का एक लक्ष्य निर्धारित कर लिया है, तो उस लक्ष्य पर इंसान को फोकस बना के रखना चाहिए. इंसान को इस लक्ष्य से कभी डरना नहीं चाहिए. चाणक्य के अनुसार, शेर के इस गुण अपनाने वाला व्यक्ति एक न एक दिन लक्ष्य को जरूर प्राप्त कर लेता है.
चाणक्य कहते हैं कि शेर अंतिम समय तक अपने शिकार के प्रति एकाग्र रहता है और मौका मिलते ही उस पर झपट्टा मार देता है. यही वजह है कि शेर को जंगल का राजा कहा जाता है. यह अपनी एकाग्रता की वजह से बड़े से बड़े और चालाक जानवरों का शिकार कर लेता है. ऐसे में जो भी व्यक्ति शेर की तरह एकाग्र रहना सीख जाता है, वह कम उम्र में सफलता हासिल कर सकता है.
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