एमएसपी के नाम पर किसानों को धोखा दे रही मोदी सरकार- सुरजेवाला

सुरजेवाला बोले- सरकार C2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के हिसाब से एमएसपी देने का दावा करती है, लेकिन किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल रही

एमएसपी में सरकार ने मामूली बढ़ोतरी की, यह महंगाई दर के मुताबिक भी नहीं

एमएसपी पर फसल की सरकारी खरीद न के बराबर, जिससे किसानों को हो रहा भारी नुकसान

नई दिल्ली, 29 मई 

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नाम पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार C2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी देने का दावा करती है, लेकिन किसानों को उनकी उत्पादन लागत भी नहीं मिल रही है।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने 11 सालों में किसान और खेती पर घात लगाकर हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जुमलों का व्यापार कर रही है, वादों की घोषणा कर रही है, लेकिन किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। 

उन्होंने एमएसपी को “मैक्सिमम सफरिंग फॉर प्रोड्यूसर्स” करार देते हुए कहा कि यह किसानों के लिए अधिकतम पीड़ा का कारण बन गया है। सरकार एमएसपी की घोषणा तो करती है, लेकिन उस दाम पर फसल की खरीद न के बराबर है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार C2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी देने का दावा करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल रही है। भाजपा शासित राज्यों में किसानों की लागत एमएसपी से कहीं ज्यादा है। उन्होंने विभिन्न फसलों के उदाहरण देते हुए बताया कि किसानों को प्रति क्विंटल हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है। 

सुरजेवाला ने कहा कि गेहूं और धान को छोड़कर सरकार कोई भी फसल एमएसपी पर नहीं खरीदती है। उन्होंने विभिन्न फसलों के आंकड़े देते हुए बताया कि सरकार ने उत्पादन के मुकाबले न के बराबर खरीद की है। उन्होंने बताया कि जौ का उत्पादन 16 लाख 53 हजार टन हुआ, लेकिन एमएसपी पर कुछ भी खरीद नहीं हुई। ज्वार का उत्पादन 47 लाख 37 हजार टन हुआ, खरीदी तीन लाख 23 हजार टन हुई। इसी तरह मक्के का उत्पादन 376 लाख 65 हजार टन हुआ, खरीदी सिर्फ पांच हजार टन हुई। बाजरा का उत्पादन 107 लाख 16 हजार टन हुआ, जबकि खरीद करीब सात लाख टन हुई। इसी तरह रागी का उत्पादन 16 लाख 70 हजार टन हुआ, जबकि दो लाख 31 हजार टन ही खरीदी हुई।चने का उत्पादन 115 लाख 76 हजार टन हुआ, खरीदी सिर्फ 43 हजार टन हुई। सरसों का उत्पादन 131 लाख 61 हजार टन हुआ, मोदी सरकार ने सिर्फ 12 लाख 9 हजार टन खरीदा। उन्होंने कहा कि जब सरकार फसल ही नहीं खरीदेगी, तो एमएसपी का लाभ किसानों को कैसे मिलेगा?

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने एमएसपी में जो मामूली बढ़ोतरी की है, वह महंगाई दर से भी कम है। उन्होंने कहा कि डीजल, बिजली, बीज और खाद की कीमतें बढ़ने से किसानों की लागत बढ़ रही है, लेकिन सरकार उनके मूलभूत खर्चों की पूर्ति भी नहीं कर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा खाद सब्सिडी में 24 हजार करोड़ रुपये की कटौती करने का भी उल्लेख किया।

सुरजेवाला ने कहा कि कृषि मंत्रालय की संसदीय समिति ने एमएसपी का कानूनी अधिकार देने और कृषि उपकरणों से जीएसटी हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। उन्होंने सरकार को किसान-विरोधी बताते हुए कहा कि खेती की योजनाओं के लिए आवंटित तीन लाख करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए गए।