Dr Shyama Prasad Mukherjee: डाॅ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर BJP के नेताओं ने दीश्रद्धासुमन किये अर्पित

Dr Shyama Prasad Mukherjee: डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किये

धर्मेन्द्र प्रधान, रेखा गुप्ता, विजेन्द्र गुप्ता आदि ने वीरेन्द्र सचदेवा की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजली कार्यक्रम में श्रद्धासुमन अर्पित किये

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ एक नेता या व्यक्ति नहीं थे बल्कि वह एक विचार हैं जो आज भी जीवत है — धर्मेन्द्र प्रधान

डा. मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ मिलकर एक वैकल्पिक राजनीतिक विचार दिया जो जनसंघ के रूप में स्थापित हुआ — धर्मेन्द्र प्रधान

1947 में देश आजाद तो हो गया लेकिन उसके बाद देश को अखंडता की लड़ाई लड़नी पड़ी और इसके कोई परोधा थे तो वह डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे — रेखा गुप्ता

अगर आपको राष्ट्रीयता को समझना हो, राष्ट्रीय नीति समझना हो या फिर भारतीय राजनीति या संस्कृति समझनी है तो आपको डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन को पढ़ना चाहिए — वीरेन्द्र सचदेवा

Dr Shyama Prasad Mukherjee

नई दिल्ली 23 जून : कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाये रखने के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जनसंघ के संस्थापक एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर आज 23 जून को उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धासुमन अर्पित किये।

केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने दिल्ली की मुख्य मंत्री रेखा गुप्ता एवं विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता की उपस्थिती में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा की अध्यक्षता में हुए श्रद्धांजली कार्यक्रम में प्रथम पुष्पांजलि अर्पित कर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से जुड़े प्रेरक संस्मरण रख कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। उन्होने कार्यक्रम पश्चात वृक्षारोपण भी किया।

रेखा गुप्ता एवं वीरेन्द्र सचदेवा ने भी श्रद्धांजली सभा को सम्बोधित किया।

जहाँ बलिदान हुए मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है जैसे नारे लगा डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करने बड़ी संख्या में पहुंचे पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में प्रमुख थे संगठन महामंत्री पवन राणा, वरिष्ठ कार्यकर्ता मूलचंद चावला, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेन्द्र चांदोलिया एवं बाँसुरी स्वराज, दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह एवं डा. पंकज सिंह, दिल्ली के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, प्रदेश महामंत्री विष्णु मित्तल, पूर्व सांसद श्री रमेश बिधूड़ी, प्रदेश पदाधिकारी योगिता सिंह, प्रवीण शंकर कपूर, सुमित भसीन, विनय रावत, सुनीता कांगड़ा, विनोद बछेती, नरेश ऐरन, यासिर जिलानी, डा. ममता त्यागी, नीरज तिवारी, नितिन त्यागी, अनिस अब्बासी एवं संतोष ओझा, विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, विधायक अजय महावर, अनिल शर्मा, अभय वर्मा, राजकुमार भाटिया, चंदन चौधरी, संजय गोयल एवं रवि नेगी, निगम नेता प्रवेश वाही एवं सत्या शर्मा, संगठनात्मक जिलों के अध्यक्ष आदि।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भाजपा और जनसंघ के कार्यकर्ताओं के लिए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ एक नेता या व्यक्ति नहीं थे बल्कि वह एक विचार हैं जो आज भी जीवत है। आज से 72 साल पहले देश में एक विचार के ख़िलाफ़ कि देश में दो व्यवस्था नहीं हो सकती, उन्होंने जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया था। और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास बन गया लेकिन उनके बलिदान को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौका मिला जब 2019 में धारा 370 को लम्बित किया।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो उस वक्त की परिस्थिति बिल्कुल अलग थी और देश में साम्प्रदायिक लोग, साम्यवादी और राष्ट्रवादी लोग सभी थे इसलिए उन लोगों में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे जो कई मायनों में पंडित नेहरू के विचारों से सहमत नहीं होते थे इसलिए उन्होंने सरकार के मंत्रालय से बाहर आ जाना ही उचित समझा। यह एक प्रमुख घटना थी जिसके बाद डा. मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ मिलकर एक वैकल्पिक राजनीतिक विचार दिया जो जनसंघ के रूप में स्थापित हुआ।

नेहरू जी ने तो यहाँ तक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कहा था कि मैं आपको कुचल दूँगा जिसके जवाब में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि मैं इस कुचलने वाली मानसिकता को ही कुचल दूँगा।

उन्होंने कहा कि आज देश नक्सलवाद से मुक्त होने के कगार पर है चंद जिलों में यह सिर्फ बढ़ा हुआ है जो आने वाले समय में ख़त्म हो जाएगा। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं होगा जैसे संकल्प के साथ सेवा कार्य किया है। आज अनेक राज्यों में अगर हमें सेवा का मौका मिला है तो इसके प्रमुख पहिया डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार थे।

शिक्षा, भाषा, लघु उद्योग, देश की सुरक्षा और विदेश नीति और देश के संविधान के बारे में बात हो अनेक विषयों पर मौलिक और वैकल्पिक विचार रखने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। इन सब के बीच आज हमारी शासन प्रणाली में अंतिम व्यक्ति ही होता है चाहे दिल्ली हो या देश के अन्य राज्य और इस एकात्म मानववाद के धरोहर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी और डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्टी के दो पहिए थे जिनके सहारे हम आज सेवा सुशासन और ग़रीब कल्याण के 11 साल पूरे कर चुके हैं।

आज भारत ने भारतीयता के आधार पर अपनी नई पहचान बनाई है। आज देश विश्व का चौथा आर्थिक शक्ति बना है। हमारी शासन उपभोग के लिए नहीं बल्कि हमे जो विचार मिला है उसमे भारतीयता का जो मूलनंत्र मिला है उसी को राजनीतिक प्रणाली में अपनाकर सेवा देने का काम करना होगा।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अगर आपको राष्ट्रीयता को समझना हो, राष्ट्रीय नीति समझना हो या फिर भारतीय राजनीति या संस्कृति समझनी है तो आपको डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन को जरूर पढ़ना चाहिए। वह एक महान विचारक, निर्भीक नेता और एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे। आजाद भारत के वह पहले शहीद नेता थे।

सचदेवा ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उस वक्त की तत्कालीन सरकार के ख़िलाफ़ भी आवाज उठाई क्योंकि वह एक देश में दो विधान दो संविधान के ख़िलाफ़ थे लेकिन जिन परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हुई उसे हमेशा संदेह की नजरों से देखा गया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मृत्यु के बाद उनकी माता जी ने एक पत्र उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को लिखा जिनके शब्द एक माँ की पीड़ा नहीं बल्कि देश की पीड़ा थी। पत्र में स्पष्ट लिखा गया था कि मैं कोई सफाई नहीं बल्कि जाँच चाहती हूँ क्योंकि उन्हें गिरफ़्तार करके ऐसे राज्य में भेजा गया जहाँ संविधान का कोई अधिकार नहीं था और जिस परिस्थिति में रखा गया जो न्याय पूर्ण नहीं था और जब तबीयत ख़राब हुई तो उपचार नहीं किया गया। इसलिए इसकी न्यायिक जांच के आदेश दीजिए। उनकी माँ ने पत्र में साफ़ तौर पर पंडित नेहरू पर आरोप लगाया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु की ज़िम्मेदार तत्कालीन सरकार थी।

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिन सपनों को देखा था उन सपनों को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि धारा 370 हटाकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दी है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आज जिस शख्सियत की प्रतिमा के सामने हम सब एकत्र हुए हैं उन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता की लड़ाई शुरू की। 1947 में देश आजाद तो हो गया लेकिन उसके बाद देश को अखंडता की लड़ाई लड़नी पड़ी और इसके कोई परोधा थे तो वह डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश को बताया कि इस देश में दो विधान दो संविधान नहीं चलेगा और साथ ही उन्होंने आवाज उठाई कि कश्मीर हमारा है। लेकिन इस देश में तत्कालीन सरकारों ने देश को सिर्फ बांटने का काम किया। उस वक्त की सरकार ने कभी पाकिस्तान बनाया तो कभी बांग्लादेश दे दिया।

रेखा गुप्ता ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए जिस शख्स ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया वह सिर्फ़ श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। उन्होंने धारा 370 का विरोध किया और जब कश्मीर में अनुमति लेकर जाना पड़ता था उस वक्त डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बिना अनुमति के गए और बताया कश्मीर हमारा है और सारा का सारा है।

उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि उनकी मृत्यु संदिग्ध हालत में हुई और देश की एकता और अखंडता के लिए प्राण देने वाले डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अगर सच्ची श्रद्धांजलि किसी ने दी तो वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं जिन्होंने कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया।

दिल्ली राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते मैं यह कहना चाहती हूँ कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संदेश राष्ट्र सर्वोपरि है जन जन तक पहुँचाने का काम करना हमारा कर्तव्य है।

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