DUSU Election: 19 सितंबर,2025-अभाविप की अध्यक्ष पद सहित डूसू केन्द्रीय पैनल में 3 पदों पर ऐतिहासिक जीत।
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अभाविप ने डीयू स्टूडेंट्स का दिल जीता, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की बड़ी हार: आर्यन मान।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष, सचिव तथा संयुक्त सचिव पद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। डूसू अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के आर्यन मान ने 16196 मतों के अंतर, सचिव पद पर कुणाल चौधरी ने 7662 मतों के अंतर तथा संयुक्त सचिव पद दीपिका झा ने 4445 मतों अंतर के साथ जीत दर्ज की है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है, इस जीत ने यह तय कर दिया है कि आज के विद्यार्थी राष्ट्र निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाने वाले विचार के साथ हैं तथा विध्वंसक तथा नकारात्मक विचार की यह बड़ी हार है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अभाविप की देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जीत लोकतंत्र के प्रति आस्थावान विचार की जीत है। विद्यार्थी परिषद ने विद्यार्थियों-युवाओं के शिक्षा क्षेत्र के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए, युवाओं की आशाओं को दिशा दी है। विद्यार्थी परिषद दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद करती है। कांग्रेस और एनएसयूआई ने पूरे डूसू चुनाव में डीयू के छात्र-छात्राओं को भ्रमित करने तथा जाति-क्षेत्र में बांटने का प्रयास किया, जिसको विद्यार्थियों ने पूरी तरह नकार दिया है।
डूसू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष आर्यन मान ने कहा कि यह विजय जेन्ज़ी पीढ़ी की उस राष्ट्रनिष्ठ चेतना की प्रतिध्वनि है, जो भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रनिर्माण के संकल्प को सर्वोपरि मानती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे देशविरोधी और भारतविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले तत्वों को करारा जवाब देने में सक्षम हैं। यह जीत उस भ्रष्ट तंत्र और खोखली राजनीति के विरुद्ध छात्रों के प्रतिरोध का प्रतीक है, जिसे एनएसयूआई और कांग्रेस पार्टी विश्वविद्यालय परिसर में थोपना चाहती थी। इस पीढ़ी ने अपने मत से बता दिया है कि वह परिवारवाद, भ्रष्टाचार और दुराग्रह की राजनीति को नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, पारदर्शिता और ईमानदारी के मूल्यों को स्वीकार करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों का दिल जीता है, इसलिए डूसू पैनल में मुझे इतने बड़े अंतर के साथ जीत मिली।
आर्यन मान ने आगे कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए मेट्रो कन्शेसन पास, बुनियादी सुविधाओं के विकास आदि जो मुद्दे उठाएं हैं, उन पर हम शीघ्रता से कार्य शुरू करेंगे।
डूसू के नवनिर्वाचित सचिव कुणाल चौधरी ने कहा कि यह परिणाम इस बात का प्रमाण है कि आज का युवा भ्रम और प्रपंच से ऊपर उठकर राष्ट्रहित, छात्रहित और पारदर्शिता की राह चुन रहा है। कांग्रेस और एनएसयूआई ने वर्षों से जिस तरह भ्रष्टाचार, अवसरवाद और कुंठित मानसिकता को संस्थानों पर थोपने का प्रयास किया, उसे विद्यार्थियों ने नकार दिया है। यह जीत उस संकल्प की गूंज है कि अब विश्वविद्यालयों में केवल वही राजनीति स्वीकार्य होगी जो राष्ट्र निर्माण की धारा में विद्यार्थियों को जोड़ती है, न कि तोड़ने का काम करती है।
डूसू की नवनिर्वाचित सह-सचिव दीपिका झा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दशकों से छात्राओं को न केवल सशक्त प्रतिनिधित्व देता रही है, बल्कि उनकी जीत भी सुनिश्चित करवाता आया है। मेरी जीत भी संगठन की कुशल रणनीति और कार्यकर्ताओं के समर्पण का परिणाम है। पिछले दस वर्षों पर दृष्टि डालें तो डूसू में लगातार विद्यार्थी परिषद की ही छात्रा प्रत्याशी निर्वाचित होती रही हैं, और यह परंपरा इस बार भी कायम रही। मेरी यह जीत केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रति विश्वास और भरोसे की जीत है।
अभाविप से डूसू उपाध्यक्ष प्रत्याशी रहे गोविंद तंवर ने कहा कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी छात्रों द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करता हूं, विद्यार्थी परिषद को बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने अपना मत दिया। विद्यार्थी परिषद का डूसू चुनाव में जीते छात्रसंघ पदाधिकारी डीयू छात्रों की वास्तविक आवाज बनेंगे।
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