Chhattisgarh Naxal Operation: दंण्डकारण्य में 210 माओवादियों का आत्मसमर्पण, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में बस्तर में होगा ऐतिहासिक पुनर्समावेशन समारोह
Chhattisgarh Naxal Operation
जगदलपुर, बस्तर रेंज | 17 अक्टूबर 2025
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दण्डकारण्य क्षेत्र में आज इतिहास रचा गया। कुल 210 माओवादी कैडर, जिनमें एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, 4 डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिवीजनल कमेटी सदस्य सहित कई वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं, ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में वापसी का निर्णय लिया है। यह अब तक का देश का सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण माना जा रहा है।
यह ऐतिहासिक आत्मसमर्पण मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में आज जगदलपुर में आयोजित समारोह में होगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही विकास और विश्वास की नीतियों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि जो लोग बंदूक छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनका सरकार खुले दिल से स्वागत करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि —
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में ‘पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन’ की भावना को साकार करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। यह ऐतिहासिक कदम उस नीति की सफलता का प्रमाण है, जिसमें सरकार ने हिंसा नहीं बल्कि विश्वास, संवाद और विकास का रास्ता चुना।
“पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” थीम पर आधारित यह आत्मसमर्पण अभियान सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति 2025, पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयासों की ऐतिहासिक सफलता है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने आज कुल 153 हथियार — जिनमें AK-47, SLR, INSAS राइफलें और LMG गन शामिल हैं — सौंपे हैं। यह हथियारबंद संघर्ष के प्रतीकात्मक अंत और शांति के नए युग की शुरुआत का संकेत है।
मुख्य आत्मसमर्पण करने वालों में शीर्ष माओवादी रूपेश उर्फ सतीश (CCM), डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू और आरसीएम रतन एलम शामिल हैं।
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