मसूरी, उत्तराखंड। मसूरी के म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के प्राध्यापकों की पदोन्नति के प्रकरण पर प्राध्यापकों और अध्यक्ष, प्रबंध समिति के बीच उपजा विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है। बता दें कि पिछले तीन वर्षों से कई प्राध्यापकों की पदोन्नति लंबित है। अध्यक्ष, प्रबंध समिति पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता के अडियल रवैये के कारण डॉ. ललित मोहन उपाध्याय, डॉ. प्रमोद भारतीय, डॉ. वी. पी. जोशी तथा अमिताभ भटूट, जिन्होंने पदोन्नति के लिये आवेदन कर रखा है, की पदोन्नति रुकी हुई है।
इससे न केवल इनकी शैक्षणिक प्रगति बाधित है अपितु आर्थिक रूप से भी इन्हें भारी नुकसान उठाना पड रहा है। डॉ. ललित मोहन उपाध्याय जिनका न केवल शैक्षणिक करियर अन्तरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका के सम्पादक भी हैं कॉलेज में गणित विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर तथा अध्यक्ष हैं। आज से तीन साल पूर्व ही चयन समिति ने इन्हें प्रोफेसर पद के लिये अपनी संस्तुति दे दी है। परन्तु दुर्भावना से कॉलेज प्रबंध समिति पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने उक्त संस्तुति को अनुमोदन के निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड को आज तक नहीं भेजा।
डॉ. प्रमोद भारतीय, कॉलेज के संस्कृत विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर तथा अध्यक्ष हैं, ने भी दो वर्ष पूर्व ही प्रोफेसर पद हेतु आवेदन कर रखा है। परन्तु इनके आवेदन पर भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने चुप्पी साध रखी है। राजनीति विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर तथा अध्यक्ष अमिताभ भट्ट ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिये आवेदन कर रखा है। परन्तु इनके आवेदन को भी अध्यक्ष, प्रबंध समिति ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। वाणिज्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वी. पी. जोशी ने भी एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिये आवेदन कर रखा है।
परन्तु इनके आवेदन पर भी आज तक कोई विचार नहीं किया गया। उक्त प्रकरण पर कॉलेज के प्राचार्य के समक्ष जब पीड़ित अध्यापकों ने बात रखी तो प्राचार्य ने कहा कि अध्यक्ष महोदय ने पदोन्नति सहित कई प्रकरण को रोक रखा है। अध्यक्ष के रवैये
से क्षुब्ध होकर डॉ. वी. पी. जोशी ने उच्च न्यायालय, नैनीताल की ओर रुख कर लिया है। इस क्रम में उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष, प्रबंध समिति सहित समस्त संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी कर दिया है तथा छः सप्ताह के अपने-अपने पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
रिपोर्ट- सुनील सोनकर