कानपुर, यूपी। सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से यूक्रेन में फंसी कानपुर देहात की बेटी ने देश के प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री से सकुशल सुरक्षित इंडिया वापस लाने की गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द भारत सरकार कुछ ऐसा उपाय करें कि यहां पर फंसे छात्रों को शीघ्र इंडिया वापस बुलाया जा सके। क्योंकि रुस द्वारा यूक्रेन पर अटैक करने से हर क्षण मौत का साया हमारे सर मडरा रहा है।
बताते चलें इस वक्त पूरी दुनिया का ध्यान यूक्रेन देश पर लगा है जहां पर रूस द्वारा अटैक कर भारी तबाही मचाई जा रही हैं। जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में लोग मारे जा रहे हैं। जिससे भयभीत होकर डॉक्टरी की पढ़ाई करने गई कानपुर देहात के सिकंदरा कस्बे के मोहमद नगर निवासी जहान्वी कटियार ने एक वायरल वीडियो के माध्यम से वहां के हालातों के बारे में बता रही है कि किस तरह वहां क्रिटिकल कंडीशन पैदा हो गई है। हम लोग रात दिन जागकर मेट्रो स्टेशन के नीचे बने बंकरो में घुसकर अपनी जान बचा रहे हैं। धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर अब खुद अपनी जान की दुहाई मांगते हुए वीडियो वायरल कर रहे हैं।
हालात इतने खराब हो गए हैं मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा ने वीडियो के माध्यम से बताया कि हमारे पास खाने का भी सामान धीरे-धीरे खत्म हो रहा है जल्द से जल्द भारत सरकार हमें यहां से निकालने का इंतजाम करे। इसी प्रकार भोगनीपुर तहसील के पुखराया कस्बा निवासी शैलेंद्र कटिहार की बेटी आकांक्षा कटियार 3 माह पूर्व यूक्रेन में एमबीबीएस का दाखिला लेकर डॉक्टरी की पढ़ाई करने गई थी। तीन दिन पूर्व रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हवाई हमला करते हुए बमों की वर्षा कर दी जिसके चलते यूक्रेन में चारों तरफ तबाही का मंजर फैल गया और सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं।
आकांक्षा कटियार के पिता शैलेंद्र कटियार ने बताया कि लगभग 3 महीने पहले बेटी यूक्रेन की राजधानी क्योंकी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस करने के लिए गई हुई थी।लेकिन अचानक युद्ध शुरू हो जाने से मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारत के बच्चे वहा फंस गए और किसी तरह जमीन में बने बकरो में घुसकर अपनी जान बचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरी बेटी इस वक्त खार शहर के अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर समय गुजारने को मजबूर है।
पिता के अनुसार अभी तक फंसे हुए भारतीयों के लिए कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। वही समाचार चैनलों में खबरें देखकर परिवार जनों का रो -रो कर बुरा हाल है पिता ने बताया कि बेटी से मेरी बात हुई है वह बड़ी ही डरी और सहमी है। आकांक्षा के दुखी पिता ने सरकार से गुहार लगाई है कि वहां पर फसे छात्रों को सुरक्षित निकालने के युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए।
रिपोर्ट- कमर आलम