नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण मामले पर सुनवाई शुरू हुई। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को लेकर उठाए गए कदम पर हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने कहा कि हम बस चाहते है कि प्रदूषण कम हो। हमें राजनीति से कोई मतलब नही। याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि पंजाब में मामले दर्ज नही हो रहा है क्योंकि वहां चुनाव है। इसपर चंद्रचूड़ ने विकास सिंह ने पूछा कि आपका क्या सुझाव है?
विकास सिंह ने कहा कि पराली को लेकर एक कमिटी के गठन करना चाहिए। आप कुछ खास हो तो बताए नही तो केंद्र को उनके द्वारा उठाए गए कदम को जान लें। जिससे प्रदुषण को कम करने के लिए कदम उठाए जा सके।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामें में कहा कि वायु प्रदूषण को लेकर कम करने के लिए वो लॉक डाउन लगाने के लिए तैयार है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि अगर दिल्ली केवल लॉक डाउन लगाती है तो इसका बहुत असर नही पड़ेगा। जब तक NCR या अन्य राज्य लॉक डाउन नही लगाते। दिल्ली सरकार ने कहा कि 20 तारीख तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा निर्माण पर 17 तक रोक लगाई है।
CJI ने केंद्र से पूछा कि आपने इमरजेंसी मीटिंग के बारे में कहा था कि उसका क्या हुआ ? CJI ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप दादी मां की कहानी सुना रहे है। आपका मुन्सिपल कारपोरेशन पर आरोप लगाना गलत है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप रेवेन्यू इकट्ठा कर सिर्फ एडवरटाइजिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमे देखना होगा कि आप कितना रेवेन्यू लेते है। कितना खर्च करते है काम पर और कितना प्रचार पर खर्च करते है। आप हमें मजबूर न करे कि हम आपका ऑडिट कराए।
CJI ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण कि हमें सरकारों का एजेंडा भी तय करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद थी कि बैठक में कुछ ठोस निकलेगा। आप गाड़ी, धूल, निर्माण, वर्क फ्रॉम होम आदि पर कल शाम तक निर्णय लीजिए। हम कल शाम या परसों सुनवाई करेंगे। पंजाब, यूपी, हरियाणा कोशिश करें कि पराली जलना 1 हफ्ता तक रुके। कोर्ट ने कहा कि क्या 69 मशीन डस्ट वाली साफिसिएंट है? CJI ने कहा ने कहा कि आप ब्लेम MCD पर डाल रहे है। अगर ऐसा हुआ तो हम ये ऑडिट करेंगे कि आपने स्लोगन पर कितना खर्च किया है? आप रेवेन्यू इकठ्ठा जो कर रहे है उसका स्लोगन (add) पर कितना खर्च कर रहे है इसका ऑडिट करने के आदेश देने के लिए हमें आमंत्रित न करे।
CJI ने कुछ सुझाव दिए जिसे टास्कफोर्स के साथ मिलकर कल शाम तक कोर्ट को बताना होगा। CJI ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई मंगलवार की मीटिंग में यूपी, दिल्ली,हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को मौजूद रहना जरूरी होगा। कल शाम तक सभी राज्य अपना हलफनामा दाखिल करे। CJI ने कहा किन इंडस्ट्री को बंद किया जा सकता है, किन गाड़ियों की इंट्री बंद की जा सकती है, किन पॉवर प्लांट को बंद किया जा सकता है और बिजली सप्लाई का अल्टरनेट क्या होगा इन सबके बारे में कल तक बताइए।
CJI ने कहा कि सरकार ने कहा कि 48 घंटो के भीतर और भी स्टेप लेंगे। CJI ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण घूल, ट्रांसपोर्ट, फैक्ट्री आदि है। इसको देखते हुए आपातकालीन मीटिंग कर रास्ता निकले। मामले पर 17 नवंबर को सुनवाई होगी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पंजाब सरकार ने पराली जलाने के लिए जुर्माना लगाया है। आपने किसानों को इंसेंटिव देने जैसे कदमो के बारे में भी कुछ किया हैं?
CJI ने पंजाब हरियाणा राज्यो से कहा कि हम आप को फोर्स नही कर रहे लेकिन आप किसानों से बात करें की कम से कम एक हफ्ते तक पराली न जलाएं। CJI ने कहा कि हमारा कंसर्न सिर्फ प्रदूषण को कम करना है। आपको स्कूल बंद करना है, निर्माण पर रोक लगानी है, उद्योगों को कुछ समय के लिए बंद करना है। आप जो करना है वो करे। यह हमारा काम नही है, हमारा मकसद प्रदूषण कम करना है।
CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण कि हमें सरकारों का एजेंडा भी तय करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद थी कि बैठक में कुछ ठोस निकलेगा, लेकिन पहले की तरह ही आपलोगो ने कंक्रीट कुछ नही दिया। कोर्ट ने कहा कि पराली का असर 2 महीने रहता है। अभी वह जल रही है। हम पंजाब, हरियाणा और यूपी से चाहेंगे कि वह किसानों को समझाएं। वर्क फ्रॉम होम जैसे उपायों पर भी मीटिंग में बात की जाए।
रिपोर्टर-आलोक कुमार