नई दिल्ली। गैंगस्टर अबु सलेम के मुंबई सीरियल ब्लास्ट और प्रदीप जैन से जबरन वसूली के मामले में दी गई सजा को चुनौती देने का मामले पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अपने हलाफ़नमे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत में न्यायपालिक स्वतंत्र है।अदालत कानून के मुताबिक मामलो पर अपना फैसला देती है। वह कार्यपालिका द्वारा दिए गए किसी भी आश्वासन या फैसले के लिए बाध्य नही हैं।
हलफनामे में यह भी बताया गया है कि केंद्र सरकार 17 दिसंबर, 2002 को अबू सलेम का प्रत्यर्पण किया था। उस दौरान पुर्तगाल सरकार से वहां के कानून के मुताबिक सलेम को 25 साल से अधिक की सजा नही दिए जाने के आश्वासन का हमारी सरकार पालन करेगी। हालांकि केंद्रीय गृह सचिव ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन का पालन 10 नवंबर, 2030 तक वैध है। उस समय सरकार अपने दिए गए अस्वासन का पालन करेगा। उससे पहले सलेम पुर्तगाल सरकार को दिए गए आश्वासन के आधार पर कोई राहत की मांग नही कर सकता।
पिछली सुनवाई में सलेम के मामले पर केंद्रीय गृह सचिव की तरफ हलफनामा दाखिल नही किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें सालेम के प्रत्यर्पण के समय भारत के उपप्रधानमंत्री द्वारा पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन को क्या भारत सरकार पालन करेगा ? इस मसले पर जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा।
रिपोर्ट- धर्मेन्द्र सिंह