Himachal Pradesh: झूठ बोलकर विपक्ष की आवाज दबाना चाहते हैं मुख्यमंत्री: जयराम ठाकुर


Himachal Pradesh: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी पर उठाए गंभीर सवाल।बोले, एक साल होने जा रहा पूरा, सरकार के पास बताने को नहीं एक भी काम।

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Himachal Pradesh: मंडी: नेता प्रतिपक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वीरवार को अपने विधानसभा क्षेत्र सराज के कलहनी और नलवागी में आपदा प्रभावितों से मिलने के बाद जयराम ठाकुर ने कहा कि चुनाव में झूठी गारंटियां देकर सत्ता में आई ये कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन का राग अलापकर सिर्फ अपने चहेतों का घर भरने में लगी हुई है। एक साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के पास अपनी सरकार की एक भी उपलब्धि बताने के लिए नहीं है। अब आपदा में अवसर तलाश कर सिर्फ़ यही शोर मचाया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। राजनीति में कोई इतना झूठ कैसे बोल सकता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का व्यवहार है।

Himachal Pradesh: केंद्र उदारता से आपदा में वित्तीय मदद कर रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी की सरकार झूठ बोलकर स्वयं प्रदेश के साथ धोखा कर रही है। अभी आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक की मदद केंद्र से मिल चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री कह रहे कुछ नहीं मिला। केंद्र ने छः हज़ार घर स्वीकृत किए लेकिन मुख्यमंत्री कह रहे कुछ नहीं मिला।

सड़क परिवहन एवम राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सड़कों के रखरखाव को 400 करोड़ सीआरएफ में देने की घोषणा कर चुके हैं और एनएचएआई के अंदर सड़कों का केंद्र से जितना खर्च होगा उसकी भरपाई करने को बोल गए लेकिन मुख्यमंत्री कह रहे कुछ नहीं मिला। क्या राष्ट्रीय राजमार्गों को राज्य सरकार बना रही है क्या? क्या लोगों को बचाने के लिए जो हेलीकॉप्टर केंद्र ने भेजे वो कांग्रेस सरकार के थे क्या। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर मुख्यमंत्री की ऐसी क्या मजबूरी है कि वे एक भी शब्द आभार का केंद्र के प्रति नहीं बोल पा रहे हैं। क्या कांग्रेस हाईकमान के इशारे पर ये सब हो रहा है। अगर ऐसा है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार को हमने आपदा में सहयोग किया और दो माह तक कोई राजनीतिक बात नहीं की लेकिन मुख्यमंत्री विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं। हमारा दायित्व है कि हम जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाएं लेकिन सरकार वो हर संभव कोशिश कर रही है ताकि विपक्ष को कोई मौका बोलने का न मिले। सरकार सत्ता के बल पर हमें बोलने से नहीं रोक सकती है। जहां भी हम जा रहे हैं लोगों की परेशानियां सुन रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने आपदा में जो घोषणा की थी कि प्रभावितों को राहत राशि बढ़ाकर मिलेगी लेकिन अभी तक वो राशि क्यों नहीं दिलाई गई। लोग अभी भी तंबुओं में रहने को मजबूर हैं। सर्दियां बढ़ गई हैं और बेघर हुए लोगों को ठहराने के लिए अभी तक कोई समाधान नहीं ढूंढा गया। कहा गया कि बेघर हुए परिवारों को आवास सुविधा के लिए किराया दिया जाएगा लेकिन वो कब देंगे ये अभी तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री के पास आपदा प्रभावितों की बात सुनने के लिए वक्त नहीं है। सिर्फ जहां कांग्रेस के विधायक जीते हैं वहां रिव्यू मीटिंग हो रही है। जहां भाजपा के विधायक हैं वहां जाना तो दूर अधिकारियों को भी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं।

अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जिसके लिए मैं इशारा करूंगा उस कांग्रेस नेता के काम करने हैं। अब देखने में आ रहा है कि सिर्फ अपने समर्थक उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फील्ड में घुमाया जा रहा जो न पंचायत प्रतिनिधि रहे हैं और न कभी प्रत्याशी तक बन पाए हैं। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी जिला में ऊंची पहुंच की धौंस देकर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकाया जा रहा है। कोई कहता है मैं कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी रहा हूं तो कोई कहता है मैं फलाने निगम बोर्ड के अध्यक्ष का भाई हूं।

आज अखबारों में पढ़ा कि एक ठेकेदार पुलिस कांस्टेबल को मुख्यमंत्री का करीबी होने की धौंस दिखाकर अपनी महंगी गाड़ी से उसे कुचलने का प्रयास करता है। साथ में उसे 24 घंटे के अंदर दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर करने की धमकी देता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस व्यवस्था परिवर्तन की दुहाई मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू रोज कर रहे हैं उसमें तो हमें सिर्फ और सिर्फ़ दादागिरी और रौब दिखाई पड़ रहा है। कानून व्यवस्था पूरे प्रदेश में दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है और आपराधिक प्रवृति के लोगों के हौंसले और ज्यादा बुलंद हो रहे हैं। अधिकारियों को गलत काम करने के लिए दवाब डाला जा रहा है और न करने की सूरत में तबादलों का डर दिखाया जा रहा है।


सराज का विकास थमने नहीं देंगे


उन्होंने कल्हणी पंचायत में आपदा की वजह से दो लोगों की मृत्यु के बाद उनके परिजनों से मिलकर ढाढस बंधाया और निजी संचित निधि से 25-25 हज़ार रुपए की वित्तीय मदद की। कल्हणी पंचायत में ही प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मिले और पचास राहत सामग्री किटें भी वितरित की। नलवागी पंचायत में निर्माणाधीन हैलीपैड और मंदिर सराय भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास को थमने नहीं देंगे। जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना हमारी प्रतिबद्धता है। कोई वक्त होता था जब मेरे सराज के कई गांवों में सड़क सुविधा तक नहीं होती थी।मेरे सराज के परिवारजनों को पैदल ही सफर करना पड़ता था लेकिन मुझे गर्व है कि हमारे दृढ़ संकल्प, परिश्रम, लक्ष्य और जनता के सहयोग-आशीर्वाद से आज ये गांव सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं।

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अब हम इन क्षेत्रों को बस सुविधा से जोड़ने के लिए भी हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने नलवागी में आयोजित कार्यक्रम को भी संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रभावितों को संबल प्रदान करना मेरी प्राथमिकता है। दुःख की इस घड़ी में हर प्रभावित की मदद के लिए एक परिवार के सदस्य के रूप में भूमिका निभाऊंगा। इसके बाद वे शिवाखड्ड में भी कार्यकर्ताओं से मिले और चोहट गांव में अपने आराध्य देव विष्णु मतलोडा के दरबार भी हाजरी भरी। उनके साथ सराज मंडलाध्यक्ष भागीरथ शर्मा, पंचायत समिति सदस्य शेर सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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