INDIA Allience: लोकसभा सीट में सीट शेयरिंग को लेकर मामला फंसता दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में को लेकर दिया बडा संकेत। जमीनी स्तर पर शुरू हुई हलचल। यूपी में प्रियंका की टीम मायावती से भी संपर्क में। बदलाव के आसार।
INDIA Allience: उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन इंडिया जमीन पर उतरने से पहले ही विवादों के भंवर में फांसी दिख रही है। सबसे बड़ा पेंच सीट शेयरिंग को लेकर फंसने वाला है। एक तरफ इंडिया की बैठक में उत्तर प्रदेश में विपक्ष का चेहरा अखिलेश यादव को बताया जा रहा है तो दूसरी ओर सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर महाभारत छिडने के आसार साफ दिखने लगे हैं।
अखिलेश यादव को लेकर खुलकर बोल रहे हैं। शनिवार को भी उन्होंने एक बयान दिया जिस पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में इंडिया में अपने महत्व को साफ कर दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी इंडिया से मागेगी नहीं बल्कि अपने सहयोगियों को सीट देगी।
उत्तर प्रदेश 2022 की चुनाव की तर्ज पर समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि लोकसभा में तमाम राजनीतिक दलों को अपनी छत्रछाया में चुनाव लड़ाने की। कांग्रेस को शायद ही यह मंजूर हो। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक मौन युद्ध चल रही है। इसको लेकर कहां जाने लगा है कि कहीं गठबंधन की नाव पानी में उतरने से पहले ही ना डूब जाए।
लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के लिए रणनीति तैयार करने वाले सभी नेताओं का ऐसा मानना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सिंगल डिजिट से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में पार्टी की ओर से कांग्रेस को 5 से 6 सिम ऑफर की जा सकती है। इसमें कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली अमेठी शामिल है इसके अलावा तीन से चार और सीट समाजवादी पार्टी कांग्रेस को देगी ।वहीं राष्ट्रीय लोकदल को चार से पांच सीट दे सकती है।
जबकि रालोद की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तमाम सीटों में चुनावी तैयारी चल रही है। पार्टी हर हाल में 12 से 15 सीटों पर दावा कर रही है। सपा और कांग्रेस के टॉप लीडरशिप की ओर से अभी तक इस मामले में बयान नहीं आया है लेकिन निचले स्तर पर एक संदेश प्रचारित हो रहा है। अपने स्तर पर तैयारी पूरी रखने । पार्टियों को क्षेत्र में पकड़ के लिए हिसाब से विपक्षी गठबंधन की कवायत के साथ ही अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय पार्टियों को क्षेत्र में पकड़ के हिसाब से सीटों पर समझौते की बात कही बड़ी ताकत को हराने के लिए समय की ताकत का संदेश दिया ।इंडिया की बैठकों के दौरान विपक्षी गठबंधन को आकार देने में भूमिका देने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अखिलेश को ही यूपी में विपक्ष का चेहरा बताया लेकिन कांग्रेस अपनी बदली रणनीति में बदलाव करती दिखाई दे रही है ।
ऐसे में ये कहा जा है कि क्या इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव तक एक साथ टिक पायेगी या फिर सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बिखर जायेगी ।
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