UPSC: दिल्ली के मुखर्जी नगर शास्त्री नगर और राजीव नगर जैसे इलाके यूपीएससी की तैयारी करने वालों से भरे पड़े हैं। देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने के लिए लोग यहां बेहद कम सुविधाओं में रहकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
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UPSC: सपनों को पूरा करने के लिए कई छात्र में जुनून मजबूरी के आगे घुटने टेकने जैसी कहानियां और गरीबी में यूपीएससी के लिए पढ़ाई एवरेस्ट की छोटी चढ़ने से कम नहीं है। इस तैयारी में छात्र कई बार अपने समय और पैसों के अलावा अपनी मानसिक और शारीरिक बीमारियों का भी शिकार हो जाते हैं इंटरनेशनल जनरल फॉर रिसर्च एंड एप्लाइड एंड इनजीनियरिंग टेक्नोलाॅजी में छपे सर्वे पर आधारित एक रिसर्च पेपर के मुताबिक पता चलता है कि देश में यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं। कुछ छात्रों को इसमें कामयाबी नहीं मिल पाती है और यह उनके लिए किसी ट्रॉमा से काम नहीं होता। खास तौर पर ऐसे लोग जिनके पास आए का दूसरा जरिया नहीं होता ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन मानसिक के मुताबिक अगर कोई शख्स आसानी से जिंदगी के तमाम तनाव को झेलने के बाद भी खुद को ठीक स्थिति में रख पाता है तो वह मानसिक तौर पर स्वस्थ है। सामान्य भाषा में समझे तो मानसिक स्वास्थ्य का मतलब भावात्मक मानसिक और सामाजिक संबंध संबंधता से लिया जाता है। यह मनुष्य के सोचने समझने क्षमता को प्रभावित करता है। मानसिक विकार में अवसाद दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है कई सामाजिक समस्याएं जैसे बेरोजगारी गरीबी नशाखोरी वजह बन जाती है।
सेहत जब अभ्यर्थी से उनके शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में सवाल किया जाता है तो 36 फीस दिए अभ्यर्थी ने अपनी शारीरिक स्वास्थ्य को कुछ हद तक खराब या खराब बताया इस सवाल के जवाब में 22% अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत अच्छा 31% अच्छा 21 फीस दी खराब और 15 फ़ीसदी बहुत खराब बताते हैं वही एक प्रसिद्ध अभ्यर्थी को इस बारे में जानकारी नहीं।
नींट पूरा ना होना – घंटे जब नींद के पैटर्न का सवाल किया गया तो अधिकांश यूपीएससी अभ्यर्थी ने मानक उन्हें हर दिन 6 से 8 घंटे की नींद मिलती है इस रिसर्च में 46.6 प्रतिशत अभ्यर्थी ने बताया कोशिश में दिन में सिर्फ चार घंटे ही सोते हैं वही 49 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने कहा कि वह दिन में 6 से 8 घंटे की नींद लेते हैं इसके अलावा तीन प्रतिशत भारती का जवाब था कि वह 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य में नींद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है
कितने प्रतिशत अभ्यर्थी ज्वाइन करते हैं कोचिंग इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि यूपीएससी के उम्मीदवार बड़े रूप में कोचिंग ज्वाइन करते हैं 68 प्रतिशत उम्मीदवार यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग करते हैं 32 फीस दी उम्मीदवारों से जो पढ़ाई के लिए कोचिंग नहीं जाते हालांकि रिसर्च में कोचिंग ज्वाइन करने वाले अभ्यर्थियों के मानसिक स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर है।
क्या घर में रहकर भी पढ़ाई हो सकती है
साल 2022 में यूपीएससी में देश में दूसरा स्थान पाने वाले गरिमा लोहिया रहती है कि घर में रहकर सेल्फ स्टडी कि मैं रात को 9:00 बजे से सुबह 9:00 बजे तक पढ़ाती थी क्योंकि उसे समय कोई परेशानी नहीं होती थी।
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