Sanatana Dharma Remarks: सनातन धर्म को लेकर छिड़ा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। उदय निधि के बाद ए राजा और जगदानंद ने इसी विवाद पर अपनी राय रखी है।डीएमके सांसद ए राजा ने तो इस पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को खुली बहस की भी चुनौती दे डाली है।
Sanatana Dharma Remarks
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदय निधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर बवाल अभी थमा भी नहीं था कि एक और बयान सुर्खियों में है।Sanatana Dharma Remarks डीएमके सांसद ए राजा ने आप सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी है। जिसके बाद विवाद बढ़ गया है। डी राजा ने सनातन धर्म के मामले पर सीधे गृह मंत्री अमित शाह से बाहर बहस को चुनौती दे दी है।
इसे भी पढे़:ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के लिए हुए रवाना
ए राजा (A Raja) ने बुधवार को इस पूरे विवाद पर कहा कि उदय निधि ने जो बोला है वह काफी कम है। उन्होंने सिर्फ डेंगू मलेरिया कहा है लेकिन यह ऐसी बीमारी नहीं है जिसे समाज में घिनौना कहा जाता है। अगर आपको सनातन को परिभाषित करना है तो आप एचआईवी को देखिए समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम करता है।
डीएमके सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को भी सनातन धर्म का पालन करना चाहिए और विदेशी दौरो पर नहीं जाना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को चैलेंज करता हूं कि वह मुझसे सनातन धर्म पर बहस कर ले। दिल्ली में एक करोड़ लोगों को बुलाए शंकराचार्य को भी बताएं और अपने सभी हथियारों को छोड़ दें।
इसे भी पढे़:–India Bharat Issue: पीएम मोदी ने इंडिया और भारत मामले पर मंत्रियों को दी हिदायत
ए राजा के बयान पर भाजपा ने भी रिएक्शन दिया है। भाजपा नेता अमित मालवीय (Amit Malviya) ने ट्वीट कर लिखा है कि उदय निधि के बाद ए राजा सनातन धर्म को नीचा दिखा रहे हैं। यह देश की 80 फ़ीसदी पर निशाना साधना है जो सनातन धर्म का पालन करती है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की यही सच्चाई है जो सोचते हैं कि हिंदुओं को नीचा दिखाकर चुनाव जीते जा सकते हैं।
सिर्फ दक्षिण ही नहीं बल्कि बिहार से भी ऐसा ही बयान सामने आया है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद (Jagdanand) का कहना है कि जो लोग टीका लगाकर घूमते हैं उन्होंने ही देश को गुलाम बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत आखिर किन के वक्त में गुलाम बना। यह सब टीका लगाने वालों की वजह से हुआ है बीजेपी और संघ आज देश को बांटने में लगी हुई है लेकिन इससे देश नहीं चलता है।
आईए जानते हैं कैसे शुरू हुआ यह पूरा
Sanatana Dharma Remarks यह सारा मामला उदय निधि स्टालिन के बयान के बाद शुरू हुआ उदयनिधि ने एक संबोधन में कहा कि सनातन धर्म में सुधार नहीं बल्कि उसको खत्म करने की जरूरत है। यह धर्म एक बीमारी की तरह है जैसे समाज में डेंगू और मलेरिया होता है उदय निधि के इसी बयान के बाद देश में सनातन धर्म को लेकर बहस शुरू हो गई।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी बीते दिन कैबिनेट बैठक में अपने मंत्रियों को निर्देश दिया किस तरह के बयान का सही तरीके से जवाब दिया जाना चाहिए। यही कारण है कि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अब इस मामले पर आक्रामक रवैया अपना रहे हैं और खुले तौर पर विपक्ष को सनातन धर्म के मसले पर घर रहे हैं।
डीएम के नेताओं के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर इंडिया गठबंधन में अलग-अलग रूख है। कुछ नेताओं ने इस पर चुप्पी साध ली है और कुछ इस तरह के बयान से बचने के लिए कह रहे हैं। साथ ही कुछ ने तो इसे पार्टी का बयान बताया है। यही कारण है एक सनातन धर्म इस डिबेट पर विपक्ष बैक फुट पर नजर आ रहा है।
हांलाकि अब देखना है सनातन धर्म को लेकर शुरु हुआ विवाद कहा और कब जाकर थमेगा।
इसे भी पढे़:New Parliament Inauguration: गणेश चतुर्थी के दिन होगा नए संसद भवन का उद्घाटन सत्र