Bharat Ratna Award: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चौधरी चरण सिंह ,कर्पूरी ठाकुर, नरसिम्हा राव स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से किया सम्मानित

bharat Ratna Award

Bharat Ratna Award: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से पांच शख्सियत को सम्मानित किया। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ब नरसिम्हा राव कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का नाम शामिल है।

Bharat Ratna Award

Bharat Ratna Award: आपको बता दे कि बीजेपी वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाना है लेकिन वह राष्ट्रपति भवन में उपस्थित नहीं हुई ,बल्कि उन्हें 31 मार्च को राष्ट्रपति उनके घर जाकर सम्मानित करेंगी। लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर बाकी सभी चार शख्सियतों को मारणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया उनके परिजनों ने राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण किया।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का भारत रत्न उनके बेटे प्रभाकर राव ने रिसीव किया। इसी तरह से एमएस स्वामीनाथन का भारत रत्न उनकी बेटी डॉक्टर निया ने लिया, कर्पूरी ठाकुर का भारत रत्न उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने रिसीव किया इसके अलावा चौधरी चरण सिंह का भारत रत्न सम्मान उनके ग्रैंडसन जयंत चौधरी ने लिया।

केंद्र सरकार ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया था । 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेई ,प्रणब मुखर्जी ,भूपेन हजारिका ,नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के पांच हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या कुल 53 हो गई है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर के स्वामी जयंती से एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी ।कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी सीएम रहे थे वह पिछले वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी को डॉक्टर एस स्वामीनाथन और नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया था। स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक थे उन्हें भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है नरसिम्हा राव देश के नवे प्रधानमंत्री थे चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे वह उत्तर प्रदेश के पांचवें मुख्यमंत्री भी रहे थे उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

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