Bharat Ratna For Dr Hedgewar: आरएसएस संस्थापक हेडगेवार के लिए की भारत रत्न की मांग-BJP अल्पसंख्यक मोर्चा

Bharat Ratna For Dr Hedgewar: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

Bharat Ratna For Dr Hedgewar

दिल्ली : भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी ने आरएसएस के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी को मरणोपरांत ” भारत रत्न ” सम्मान दिए जाने की मांग की है जिसके लिए जमाल सिद्दीक़ी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में जमाल सिद्दीक़ी के लिखा है कि भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्र निर्माण के प्रणेता डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान करने की विनम्र मांग करता हूं। यह मांग न केवल उनके अतुलनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए आवश्यक है, बल्कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रवाद की प्रेरणा प्रदान करने के लिए भी अनिवार्य है।


डॉ. हेडगेवार जी का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में एक साधारण मराठी देशस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही वे देशभक्ति के प्रतीक थे। स्कूल के दिनों में उन्होंने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया और स्वतंत्रता की मांग को बुलंद आवाज दी।

कलकत्ता में चिकित्सा शिक्षा के दौरान वे अनुशीलन समिति से जुड़े, जहां वे बंकिम चंद्र चटर्जी और विनायक दामोदर सावरकर जैसे विचारकों से प्रेरित हुए। 1921 में कटोल और भारतवाड़ा में दिए गए उनके भाषणों के कारण ब्रिटिश सरकार ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया और एक साल जेल की सज़ा हुई इसी प्रकार से 1930 जंगल सत्याग्रह के संदर्भ 9 महीने का कारावास भी हुआ लेकिन उनकी दृढ़ता अटल रही। उन्होंने कहा था, “भारत भारतीयों का है।

हम पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हैं।” 1925 में नागपुर में डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की, जो आज भारत की सबसे बड़ी सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है।

आरएसएस का उद्देश्य समाज को संगठित कर राष्ट्र को मजबूत करना था, ताकि स्वतंत्र भारत में विभाजनकारी ताकतों से रक्षा हो सके। उनकी दूर दृष्टि ने लाखों स्वयंसेवकों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। आज आरएसएस शिक्षा, आपदा राहत, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। डॉ. हेडगेवार का निधन 21 जून 1940 को हुआ, लेकिन उनका विचार और संगठन आज भी भारत की नींव को मजबूत कर रहा है। डॉ. हेडगेवार के योगदान को देखते हुए—स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी, राष्ट्र निर्माण में संगठनात्मक कौशल, और भारतीय समाज को एकजुट करने वाली दृष्टि—उन्हें भारत रत्न प्रदान करना अत्यंत उचित होगा। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत बलिदान को मान्यता देगा, बल्कि उन सभी स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करेगा जो गुमनाम रूप से राष्ट्र सेवा में लगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जब राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक एकता की आवश्यकता है, यह कदम प्रेरणादायक सिद्ध होगा।

जमाल सिद्दिकी ने कहा कि उनका विनम्रतापूर्वक अनुरोध है कि सरकार इस मांग पर विचार करे और डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित करने की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करे।

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Reported Mamta Chaturvedi