Bihar Assembly Elections: नीतीश सरकार ने घोषणा की है कि बिहार राज्य पथ परिवहन निगम में ड्राइवर, कंडक्टर और इको मैनेटेनेंस कर्मचारियों के पदों पर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। नीतीश सरकार का बजट महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा है और बिहार की महिलाओं के जीवन में सुधार लाने में मदद करेगा।
Bihar Assembly Elections
बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीतिक बिसात बिछाई जानी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सत्ता पर अपना दबदबा बनाए रखने की हर संभव कोशिश की है। विधानमंडल में बजट पेश करते हुए डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया, हालांकि उन्होंने महिलाओं के लिए सीधे कैश ट्रांसफर जैसे कार्यक्रम का उल्लेख नहीं किया। इस तरह, बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने साइलेंट वोटर्स पर खुला दांव चला है।
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने महिलाओं के लिए मोबाइल जिम, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल, पिंक टॉयलेट, पिंक बस सेवा, परिवहन निगम में आरक्षण और महिला हाट की घोषणा की। नीतीश सरकार ने चुनावी वर्ष को देखते हुए बजट में महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह एनडीए के लिए 2025 के विधानसभा चुनाव में सफल होगा?
नीतीश सरकार की सौगात महिलाओं को
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा की कि पटना में महिलाओं के लिए मोबाइल जिम खोले जाएंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे, जो उनके रहने की सुविधा को बेहतर बनाएंगे। नीतीश सरकार शहरों में महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए पिंक टॉयलेट बनाएगी। नीतीश सरकार ने वादा किया है कि बिहार के प्रमुख शहरों में पिंक बस सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें ड्राइवर, कंडक्टर और यात्री सभी महिलाएं होंगे, और महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। महिलाओं के लिए यात्रा सुरक्षित बनाने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।
बिहार परिवहन निगम में 33% पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। नीतीश सरकार ने घोषणा की है कि बिहार राज्य पथ परिवहन निगम में ड्राइवर, कंडक्टर और इको मैनेटेनेंस कर्मचारियों के पदों पर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। पटना में भी महिला हाट बनाने का ऐलान किया गया है। साथ ही, बिहार के सभी बड़े शहरों में स्थापित व्यापार स्थलों में महिला उद्यमियों के लिए विशेष स्थान बनाए जाएंगे. यह महिला उद्यमियों को उनके व्यवसायों को शुरू करने और विकसित करने में मदद करेगा।
बिहार में महिला वोटर्स का महत्वपूर्ण योगदान
बिहार में रहने वाले लोगों की आधी आबादी महिलाओं की है जो सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। नीतीश कुमार के निरंतर सत्ता में रहने में महिला वोटर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसलिए, नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू किया है। नीतीश सरकार ने बजट में आधी आबादी को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं की हैं, जो महिला सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम मानते हैं।
नीतीश सरकार का बजट महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा है और बिहार की महिलाओं के जीवन में सुधार लाने में मदद करेगा। सरकार का मानना है कि राज्य का पूरा विकास महिलाओं की सशक्तिकरण पर निर्भर करता है। नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले महिला वोटों को जीतने का दांव चला है, जो एनडीए के लिए विधानसभा चुनाव में फायदेमंद हो सकता है।
बिहार में महिलाओं का वोटिंग पैटर्न कैसा रहा?
बिहार में 7.64 करोड़ लोगों में से 4 करोड़ पुरुष और 3.6 करोड़ महिला मतदाता हैं। इस तरह, महिला मतदाता बिहार की सरकार को बनाने और तोड़ने का अधिकार रखते हैं। 2020 के चुनाव में एनडीए की वापसी केवल महिला वोटर्स से हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जीत का श्रेय बीजेपी के बुद्धिमान मतदाताओं को दिया, जो खुद बताया कि वे महिलाएं हैं। नीतीश कुमार की पिछली सरकार केवल महिला वोटों से बच सकी थी।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने बिहार के तीन विधानसभा चुनावों में अधिक वोटिंग की है। 2020 में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट दिए। इस चुनाव में 54.6 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाला था, जबकि 59.7 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला था। 2015 के चुनाव में 51.1 प्रतिशत पुरुषों और 60.4 प्रतिशत महिलाओं ने वोट नहीं दिया। 2010 के चुनाव में 53 पुरुषों ने मतदान किया, जबकि 54.5% महिलाओं ने मतदान नहीं किया। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन को महिलाओं की अधिक वोटिंग से सियासी लाभ मिलता रहा है।
बिहार में नीतीश ने वोटबैंक कैसे बनाया?
बिहार में नीतीश कुमार की सत्ता में आने के बाद उनका मुख्य ध्यान महिलाओं पर रहा। नीतीश सरकार ने एक करोड़ से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों की स्थापना की, जो 10 लाख से अधिक हैं। 2006 में नीतीश कुमार की पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण देने की पहल ने बिहार के पितृसत्तात्मक पिछड़े इलाकों में भी धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से बदलाव लाया था।
विरोधियों ने इसे महिलाओं को रबर स्टैम्प के रूप में इस्तेमाल करने का एक और तरीका बताया, लेकिन इस विचार ने दूरदराज की महिलाओं में आत्मविश्वास की भावना पैदा की। नीतीश कुमार ने स्कूल जाने वाली लड़कियों को साइकिल, किताबें और यूनिफॉर्म मुफ्त में दिए। सरकारी नौकरी में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा, बिहार में नीतीश कुमार ने सिर्फ महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की थी। नीतीश कुमार ने इस तरह से महिलाओं को आकर्षित करने का बड़ा सियासी दांव चला है। CM नीतीश कुमार ने हाल ही में महिला संवाद यात्रा करके सियासी स्थिति को समझने की कोशिश की है और फिर बजट में घोषणाएं की हैं।
मोदी सरकार का महिलाओं पर फोकस
मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद सबसे अधिक ध्यान महिला वोटरों का रहा है। महिलाओं को सीधा लाभ मिलता है, जैसे उज्ज्वला योजना, शौचालयों का निर्माण, पक्का घर, मुफ्त राशन और आर्थिक मदद। मुद्रा योजना में, अनुसूचित समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर सबसे अधिक जोर है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कई योजनाओं पर अपना विश्वास दिखाया है। बीजेपी केंद्र से लेकर देश के आधे से ज्यादा राज्यों में काबिज है, साइलेंट वोटर की सियासी शक्ति से।
बीजेपी की जीत में महिला मतदाताओं की भूमिका
जब लाडली बहना योजना की छह प्रतिशत मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले लागू हो गई, तो बीजेपी ने सबसे अधिक महिला वोटों से जीत हासिल की, जो महिला वोटों की महत्वपूर्णता को स्पष्ट करता है। बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने के बाद हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक महिला वोटों को साधने का दांव चला है। एनडीए ने महाराष्ट्र में पांच अंकों की बड़ी जीत हासिल की। बीजेपी ने हरियाणा चुनाव में महिलाओं से यही वादा किया और सफल रहा। उससे पहले, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महिलाओं को लुभाने के लिए कैश का उपयोग किया।
झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार ने महिला वोटों की सियासी महत्व को देखते हुए मइयां योजना की तीन किस्तें महिलाओं के बैंक अकाउंट में डालीं, जिसके कारण हेमंत सरकार विजयी हुई। केजरीवाल दिल्ली में ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था, लेकिन बीजेपी ने महिलाओं को 2500 रुपये प्रति महीने देने का वादा किया था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था। बीजेपी इससे चुनाव जीता और महिलाओं का झुकाव आम आदमी पार्टी से अधिक बीजेपी की ओर था। नीतीश ने अब बिहार के चुनाव में विजयी रणनीति अपनाई है, लेकिन कैश पैसे देने के बजाय महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया है.
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