Bihar Political Crisis: नीतीश गये तो लालू के साथ कितने विधायक बचेंगे, कैसे कर रहे हैं बहुमत का दावा!

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Bihar Political Crisis: बिहार में तेजी से राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। नीतीश कुमार और लालू यादव परिवार में दूरी बढ़ती जा रही है। कहा तो यहा तक जा रहा है कि जल्द बिहार में सत्ता परिवर्तन होने वाला है।

Bihar Political Crisis

Bihar Political Crisis: सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद सांसद विधायक पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और कल शाम 4:00 बजे राज भवन में नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा हालांकि लालू यादव दावा कर रहे हैं उनके पास बहुमत का आंकड़ा है।

सूत्रों की माने तो लालू प्रसाद यादव का कहना है कि राजद के पास बहुमत का नंबर है लेकिन वह अभी भी अपने पत्ते खोल नहीं रहे। जबकि नीतीश कुमार उनसे गठबंधन तोड़ते हैं तो लालू यादव ने साफ कर दिया है कि आज होने वाली पार्टी की विधायक दल की बैठक में संबंध में फैसला ले लिया जाएगा। सुबे में राजद सबसे बड़ी पार्टी है अब सवाल उठ रहा है कि लालू यादव बहुमत के आखिर का दावा किस हैसियत पर कर रहे हैं।

बिहार में विधानसभा के कुल 243 सदस्य हैं। ऐसे में बहुमत के आखिरी तक पहुंचाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है। इस समय राजद के पास 79 विधायक हैं। अगर उसे कांग्रेस के 19 विधायक और  सीपीआई-माले के 12, सीपीआई के 2 और सीपीएम 2 विधायकों का समर्थन मिलता है तो भी कुल विधायकों की संख्या 114 तक पहुंचती है इसके बाद राजद को बहुमत के लिए 8 और विधायक चाहिए।

सूत्रों के माने तो लालू प्रसाद यादव ने मोर्चा संभाल लिया है और जेडीयू के विधायक लगातार उनके संपर्क में बताई जा रहे हैं। अगर बहुमत का आंकड़ा पूरा नहीं होता तो वह प्लान बी पर काम करेंगे। उनका लगभग एक दर्जन विधायकों को इस्तीफा दिलवाने का प्लान है। ताकि बहुमत का जादू संख्या कम हो जाए। लालू यादव ने इस्तीफा देने वाले जदयू विधायकों को लोकसभा का टिकट देने का ऑफर किया है।

बिहार में अगर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड की बात करें तो भगवा पार्टी के 78 विधायक हैं जबकि नीतीश के पास 45 इसके बाद हम पार्टी के मुखिया जीत राममांझी के पास चार विधायक है अगर इन पार्टियो का गठबंधन हो जाता है तो विधायकों की संख्या 127 तक पहुंच जाएगी और सरकार बन जाएगी।

दूसरी ओर यह भी कहां जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट में राजद के कोटे से बने मंत्रियों का कोई भी आदेश तत्काल जारी न किया जाए। इस संबंध में सरकार ने बड़े अधिकारियों को निर्देश दिया है। वही हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अनिल कुमार का कहना है कि वह एनडीए के साथ है और रहेंगे राजद के डिप्टी सीएम के प्रस्ताव पर उनका कहना है कि यह सब बातचीत होती रहती है लेकिन वह मोदी और नीतीश के साथ है।

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