सांसद जोशी ने लोकसभा में किया मीरा स्मारक को लेकर प्रश्न
“चित्तौड़गढ़ दूर्ग पर पूर्वी प्रवेष द्वारा के संबध में भी पुछा प्रश्न”
नई दिल्ली 16 दिसम्बर 2024 :- चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सभा की कार्यवाही में भाग लेते हुये ताराकिंत प्रश्न के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय से जुड़ा हुआ पूरक प्रष्न किया जिसमें उन्होंने भक्तशिरोमणी मीराबाई के स्मारक के निर्माण एवं चित्तौड़गढ़ दूर्ग पर पूर्वी प्रवेश द्वारा के संबध में प्रष्न किये।
सांसद जोशी ने प्रष्न करते हुये कहा की चित्तौड़गढ़ दूर्ग विश्व में अपनी पहचान रखता हैं, कहावत हैं की ’’गढ़ तो चित्तौड़ बाकी सब गढै़या’’ चित्तौड़गढ़ दूर्ग एशिया का सबसे बड़ा किला हैं तथा किले का एक गौरवशाली इतिहास भी हैं, इस किले पर मीरा, पन्ना, पद्मिनी एवं महाराणा प्रताप का गौरवषाली इतिहास भी हैं।
सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से मंत्री से प्रश्न किया की
प्रधानमंत्री
मोदी ने मीराबाई के 525वें जन्मोत्सव वर्ष पर देष में विभिन्न ऐतिहासिक महत्व के स्थलां पर मीराबाई से जुड़े विभिन्न कार्याक्रमों को करने का निर्णय किया हैं, जिसमें से क्या चित्तौड़गढ़ में भी मीराबाई के नाम से कोई स्मारक बनेगा क्या? इसके साथ हीं चित्तौड़गढ़ में पूर्वी दिषा में भी द्वार के खोले जाने की लम्बे समय से मांग है, तो उसके लिये क्या सरकार विचार कर रही हैं क्या?
गौरतलब है कि सांसद जोशी के प्रश्न के जवाब में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया की भक्त षिरोमणी मीराबाई के 525वें जन्मजयंति के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीराबाई के जीवन से जुड़े 4 स्थलों जन्म स्थल मेड़ता, विवाह स्थल चित्तौड़गढ़, भक्ति स्थल वृन्दावन, निर्वाणस्थली द्वारिका जहॉ पर वे भगवान में समाहित हो गयी थी, वहॉ पर बड़े कार्यक्रमां को करने का निर्णय लिया गया हैं।
इसके तहत चित्तौड़गढ़ में भी आगामी 21,22 एवं 23 दिसम्बर को कार्यक्रम का आयोजन किया जाना हैं। वैकल्पिक मार्ग के लिये सांसद एवं जिला कलक्टर ने मंत्रालय को पत्र लिखा हैं, मंत्रालय ने राज्य सरकार से उस पत्र के आधार पर उसकी डीपीआर को तैयार करने का आग्रह किया हैं। उसके पश्चात पुरातात्विक सर्वेक्षण अपने नियमां के अनुसार उसमें निर्णय कर पायेगें।
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