Centre Fund For Bengal State: केंद्र सरकार ने बंगाल के विकास के लिए दिए 1.10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा–शिवराज सिंह चौहान

Shivraj Singh Chauhan

Centre Fund For Bengal State: पीएमजीएसवाई, पीएमएवाई-जी, मनरेगा सहित ग्रामीण योजनाओं में केंद्र का विशाल निवेश–शिवराज सिंह

बंगाल में मनरेगा के क्रियान्वयन में भारी घोटाले उजागर, केंद्रीय टीमों ने 19 जिलों में पकड़ीं मनरेगा की गंभीर अनियमितताएं- शिवराज सिंह

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर केंद्र सख्त, मनरेगा फंड रिलीज पर रोक

प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रों को वंचित किया गया, शिकायतों में राज्य सरकार की लापरवाही प्रमाणित- शिवराज

पश्चिम बंगाल सरकार सुधार और पारदर्शिता में पूरी तरह विफल- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह

केंद्र सरकार गांवों, गरीबों और मजदूरों के जीवन के सकारात्मक बदलाव को लेकर दृढ़संकल्पित- शिवराज सिंह

Centre Fund For Bengal State

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के विकास, गांव-गरीब और मजदूरों के कल्याण तथा उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 से अब तक अकेले ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ही पश्चिम बंगाल को 1.10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के जरिये दी गई है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 16,505 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत 25,798 करोड़ रुपए, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और RSETI के तहत 274 करोड़ रुपए, मनरेगा (2014-15 से 2022 तक) 54,465 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) में 3,881 करोड़ रुपए तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत 8,389 करोड़ रुपए सीधे पश्चिम बंगाल के गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हो जाता है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के गांव, गरीब और मजदूरों के जीवन में परिवर्तन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है, चाहे वह पक्का घर हो, सड़क हो, आजीविका या रोज़गार हो।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के प्रभावी क्रियान्वयन में बुरी तरह विफल रही है। 2019 से 2022 के बीच केंद्र की टीमों ने पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में जांच की, जिसमें मनरेगा के कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। इनमें कार्यस्थल पर वास्तविक कार्य न होना, नियम विरुद्ध कामों को हिस्सों में तोड़ना, धन की हेराफेरी जैसी गंभीर बातें उजागर हुईं। इसी के चलते ग्रामीण विकास मंत्रालय को मनरेगा अधिनियम की धारा 27 के तहत पश्चिम बंगाल का फंड रिलीज़ करना रोकना पड़ा है।

शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में भी शिकायतें मिलीं कि राज्य सरकार ने अपात्र परिवारों का चयन किया, पात्रों को हटाया और योजना का नाम बदलकर नियमों की अनदेखी की। ये सारी शिकायतें राष्ट्रीय और केंद्रीय मॉनिटरिंग टीमों द्वारा सही पाई गईं।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बताया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने सुधार या पारदर्शिता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। दुर्भाग्यवश, पश्चिम बंगाल सरकार विश्वास, जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। केंद्र सरकार बंगाल के लोगों के विकास, कल्याण और अधिकारों के लिए पहले भी प्रतिबद्ध थी और आगे भी रहेगी।

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