Chattisgarh विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है।इस बार बीजेपी ने आरएसएस बैकग्राउंड वाले नेताओ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है । छत्तीसगढ़ में राज्य की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार को हराने और 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में हुई गलती को दोहराने से बचने के लिए छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपनी पूरी ताकत छोड़ती है।
भाजपा ने देश के कई राज्यों से अपने नेताओं की फौज को राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर पहले ही उतार रखा है। पार्टी ने धरातल से मिल रहे फीडबैक के आधार पर संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को छत्तीसगढ़ के तमाम इलाकों में तैनात कर दिया है।
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वैसे तो भाजपा में संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं की भरमार है। संघ से बीजेपी में आने वाले कई नेता केंद्र में मंत्री हैं। कई राज्यों में मुख्यमंत्री और मंत्री हैं साथ होूी सरकार से लेकर संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं। लेकिन पार्टी संगठन में राष्ट्रीय संगठन महासचिव के पद पर नियुक्त भाजपा नेता को संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच की कड़ी माना जाता है ।वर्तमान में यह जिम्मेदारी बीएल संतोष (BL Samtosh) निभा रहे हैं जो संघ द्वारा बुलाई गई बैठक में बीजेपी की तरफ से शामिल होकर भाजपा के कामकाज की रिपोर्ट को देते है।
छ्त्तीसगढ में इन नेताओ की दी गई जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी कितनी संजीदा है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी ने अपने दो राज्यों के संगठन महासचिव को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग संभागों में तैनात कर दिया है। बीजेपी आलाकमान ने झारखंड प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव कर्मवीर को छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की जिम्मेदारी देकर इस क्षेत्र में आने वाले सात जिलों की चुनावी कमान सौंप दी है। बस्तर संभाग में आने वाले सात जिलों में छत्तीसगढ़ राज्य की 12 विधानसभा और दो लोकसभा सीट आती हैं।
छ्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023
इसके अलावा पश्चिम बंगाल बीजेपी के संगठन महासचिव सतीश ढोड (Satish) को बिलासपुर का दायित्व दिया गया है। बिलासपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 8 जिले आते हैं जिसमें 25 विधानसभा और चार लोकसभा सीटे शामिल हैं।
इसके अलावा पार्टी ने बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल ( Dilip Jaisawal) को छत्तीसगढ़ के रायपुर (Raipur) संभाग का दायित्व दिया है। इस संभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य के 6 जिलों के 19 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर चुनावी रणनीति को जमीनी धरातल पर सौंपने की जिम्मेदारी है।
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के विधायक संजीव चौरसिया (Sanjeev Chaurasia) को दुर्ग (Durga) संभाग का दायित्व दिया है दुर्ग संभाग में आने वाले जिलों की संख्या 8, विधानसभा सीटो की संख्या 20 और लोकसभा की 2 सीटे शमिल है ।
इसके अळावा बीजेपी नैे झारखंड के विधायक अनंत ओझा (Anant Ojha) को सरगुजा (Surguja) संभाग का काम दिया है इस संभाग में 6 जिले , 14 विधानसभा और एक लोकसभा सीटे शामिल है । अब देखना होगा कि क्या बीजेपी इस बार छत्तीसगढ में कमल खिलोने में कामयाब हो पायेगी या फिर एक बार छत्तीसगढ की जनता भूपेश बघेल सरकार पर अपना भरोसा जतायेगी ।