Chief Minister of Delhi: दिल्ली में बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी. सियासी गलियारों में प्रवेश वर्मा, विजेंद्रर गुप्ता, मनोज तिवारी सहित कई चेहरों के नाम पर कयास लगाए जा रहे हैं.
Chief Minister of Delhi
भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल से ज्यादा समय बाद दिल्ली में शानदार वापसी की है. आम आदमी पार्टी को दिल्ली में करारी हार मिली है अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा ने करारी मात देकर दिल्ली के सीएम की रेस में खुद को शामिल करा लिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसी भी नेता को सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. बिना सीएम चेहरे के बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी थी. बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना ली है. ऐसे में सभी के मन में सवाल उठता है कि दिल्ली में बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी. बीजेपी दिल्ली के सियासी समीकरण के लिहाज से मुख्यमंत्री का फैसला करेगी या फिर कुछ अलग दांव खेलेगी. सियासी गलियारों में प्रवेश वर्मा, विजेंद्रर गुप्ता, मनोज तिवारी सहित कई चेहरों के नाम पर सियासी कयास लगाए जा रहे हैं.
प्रवेश वर्मा
नई दिल्ली सीट को सत्ता की धुरी कहा जाता है, यहां जीतने वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री होता है. 1998 से लेकर 2020 तक के चुनाव में यही ट्रेंड रहा है. 1998 से लेकर 2013 तक शीला दीक्षित नई दिल्ली सीट से जीतकर मुख्यमंत्री रही हैं. नई दिल्ली सीट से विधायक रहे केजरीवाल 2024 तक दिल्ली के सीएम रहे. इस बार चुनाव में नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने मात दी है, जिसके चलते मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हो गए हैं. केजरीवाल को मात देने के बाद प्रवेश वर्मा सीधे अमित शाह से मिलने गए.
प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं. ऐसे में उनके माध्यम से दिल्ली और हरियाणा के जाट वोटरों को साधने में बीजेपी को आसानी होगी, लेकिन उनकी राह में बाधा ये है कि उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस तरह प्रवेश वर्मा को सीएम बनाने पर बीजेपी पर परिवारवाद के आरोप लग सकते हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए प्रवेश वर्मा को लेकर कुछ और सोच हो सकती है.
विजेंदर गुप्ता
दिल्ली की रोहिणी विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले विजेंदर गुप्ता को भी सीएम की रेस में माना जा रहा है. विजेंदर गुप्ता ने अपनी सियासी पहचान एक मजबूत नेता और केजरीवाल की लहर में भी जीतने में सफल रहने वाले इकलौते नेता के रूप में बनाई है. वह केजरीवाल के 10 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा मुखर रहने वाले बीजेपी नेता हैं. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी अदा कर चुके हैं. इसके अलावा वैश्य समुदाय से आते हैं, जो बीजेपी और दिल्ली के सियासी समीकरण में फिट बैठते हैं.
मनोज तिवारी
दिल्ली में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद सांसद मनोज तिवारी को भी सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. मनोज तिवारी लगातार तीन बार से नॉर्थ दिल्ली सीट से सांसद हैं और बीजेपी के पूर्वांचल चेहरा माने जाते हैं. मनोज तिवारी तीन बार से लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन कभी मंत्री नहीं बने. दिल्ली में पूर्वांचल वोटों की सियासी ताकत को देखते हुए उनकी किस्मत का सितारा बुलंद हो सकता है, लेकिन उनकी राजनीतिक पारी का आगाज बीजेपी से नहीं हुआ. वो सपा से बीजेपी में आए हैं. इसके अलावा दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़े हैं. ऐसे में बीजेपी उन्हें सीएम बनाने का दांव चलेगी, यह देखना होगा.
रामवीर सिंह बिधूड़ी
दिल्ली में बीजेपी सत्ता में आती है तो गुर्जर समाज से आने वाले रामवीर सिंह बिधूड़ी और रमेश बिधूड़ी को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था. रमेश बिधूड़ी चुनाव हार गए हैं, जिसके चलते रेस से बाहर हो गए हैं. रामवीर बिधूड़ी दिल्ली में लंबे समय तक विधायक रहे हैं और अब दक्षिणी दिल्ली से सांसद हैं. सांसद होने के नाते चुनाव नहीं लड़े हैं. सीएम की रेस में उनके नाम के कयास लगाए जा रहे हैं, क्योंकि दिल्ली चुनाव में काफी एक्टिव नजर आए हैं.
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