कोविड प्रबंधन हेतु गठित उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। विगत तीन-चार दिनों से एक्टिव केस की संख्या में कमी आती जा रही है, साथ ही, नए केस की संख्या के सापेक्ष अधिक मरीज उपचारित होकर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। यह बेहतरी के संकेत हैं। विगत 24 घंटों में 02 लाख 41 हजार 457 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 16,142 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी अवधि में 17,600 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 95 हजार 866 है। कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन औए टीकाकरण कोरोना से बचाव का सबसे सहज माध्यम है। इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 97% से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 63% से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के 70 लाख 52 हजार से अधिक का टीकाकरण हो गया है। यानी हमारे 50 फीसदी से अधिक किशोर टीकाकवर से सुरक्षित हो गए हैं। इसी तरह प्री-कॉशन डोज के लिए पात्र लोगों में से 50% को भी वैक्सीन लग चुकी है। यह स्थिति संतोषजनक है। अभी हम औसतन 25 लाख लोगों को हर दिन टीकाकवर दे रहे हैं, इस क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख दैनिक किया जाए। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चुनाव ड्यूटी वाले कार्मिकों को प्री-कॉशन डोज देने की तैयारी कर ली जाए।

प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 24 करोड़ 42 लाख से अधिक डोज लगाई जा चुकी है, साथ ही 9 करोड़ 74 लाख से अधिक सैम्पल की जांच भी हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है। वैक्सीन की उपलब्धता के लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।

01 अक्टूबर से प्रारंभ चालू सत्र में अब तक किसानों से 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है। इसके एवज में ₹10,192 करोड़ का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा चुका है। यह खरीद और भुगतान एक रिकॉर्ड है। धान क्रय केंद्रों पर किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। ठंड से बचाव के लिए अलाव आदि के इंतजाम भी हों। क्रय केंद्र तक आने वाले हर पात्र किसान से धान खरीद की जाए। भुगतान में कतई विलंब न हो।

सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए। होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर 24×7 क्रियाशील रहें। जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की नियमित बैठक आईसीसीसी में ही हो। होम आइसोलेशन के मरीज, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलीकन्सल्टेशन के लिए पृथक-पृथक नम्बर जारी किए जाएं। सामान्य जन को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में ठंड से बचाव किए जाएं और चारे की पर्याप्त उपलब्धता रहे। सहभागिता योजना तथा कुपोषित बच्चे वाले परिवारों को गोवंश पालन हेतु दी जाने वाली मासिक ₹900 की राशि बकाया न रहे। इसकी समीक्षा करते हुए समय से भुगतान कराया जाना सुनिश्चित करें। मुफ्त खाद्यान्न वितरण का कार्य सुचारु रखा जाए। एक भी पात्र राशन से वंचित न रहे। रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं/जरूरतों का ख्याल रखें।

रिपोर्ट- उत्तर प्रदेश सरकार