प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संविधान दिवस के अवसर पर संसद में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि अब भारत एक संकट की ओर बढ़ रहा है जो कि संविधान पर भरोसा रखने वालों के लिए बड़ी चिंता की बात है
प्रधानमंत्री ने कहा यह कार्यक्रम किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि किसी प्रधानमंत्री का नहीं था यह कार्यक्रम स्पीकर पद की गरिमा की थी हम संविधान की गरिमा बनाए रखें हम कर्तव्य पथ पर चलते रहें कांग्रेस समिति राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में ना आने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से संविधान की भावना को चोट पहुंची है इसकी 11 धारा को चोट पहुंची है यही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा जब तक राजनीतिक दल लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं वह लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं एक राजनीतिक दल पार्टी फॉर द फैमिली पार्टी बाय द फैमिली आगे कहने की जरूरत नहीं है
यह नहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी देश को कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी स्वदेशी आत्मनिर्भर भारत का विचार कर लाए थे महात्मा गांधी देश को तैयार कर रहे थे उन्होंने जो बीज बोए थे वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ अच्छा होता देश आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता तो अधिकारों की अपने आप रक्षा होती है