प्रदूषण के बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली में 1000 एक्सट्रा बसें उतारेगी दिल्ली सरकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार की नींद खुली है और एक्शन में आ गई है। दिल्ली में प्रदूषण के बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने कई कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के सभी स्कूल कॉलेज अगले आदेश तक पूरी तरह बन्द कर दिये गये हैं। दिल्ली में जरुरी सेवाओं के अलावा अन्य कामों के लिये ट्रकों की एन्ट्री बन्द कर दी गई है। दिल्ली में 21 नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सभी सरकारी विभागों में 100% वर्क फ्रोम होम लागू कर दिया गया है।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में 1000 CNG प्रईवेट बसों को हायर किया जायेगा। DDMA से मेट्रो और बस में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति मांगी है। दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है। सभी के वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट की सघन जांच की जायेगी।

गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में सिर्फ गैस से चलने वाले उधोगों को हीं चलाने की अनुमति होगी। बिना गैस के चलने वाले सभी उधोगों पर पाबंदी लगी रहेगी। दिल्ली में 372 वाटर टैंकर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। फायर ब्रिगेड की मदद से दिल्ली के 13 हॉट स्पॉट पर पानी का छिड़काव किया जायेगा। ट्रैफिक जाम की जांच के लिये भी ट्रैफिक पुलिस को आदेश दे दिया गया है।

गोपाल राय ने भाजपा के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि दिल्ली में हम 100% पराली प्रदूषण को कम कर रहे हैं। केवल फंड देने से समाधान नहीं होता। बल्कि केन्द्र द्वारा राज्यों को डायरेक्शन देने की भी जरुरत है। केन्द्र सरकार जिमेदारी लेकर अन्य राज्यों में छिड़काव क्यों नहीं कराती है ? उन्होंने कहा कि हमलोग ग्राउंड पर काम करते हैं तो लोगों को बेचैनी हो रही है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री बैठक करने से क्यों डर रहे हैं। अगर इमरजेंसी है तो अभी बैठक नहीं बुलायेंगे तो कब बुलायेंगे ?

संवाददाता–धर्मेंन्द्र सिंह