दागी प्रत्याशियो के क्या होगा नियम

1. दागी प्रत्याशियों के लिए क्या नियम होंगे?
दागी प्रत्याशियों को अपने आपराधिक पृष्टभूमि के बारे में लोगों को जानकारी देनी होगी। अखबार में इसका विज्ञापन देना होगा। विज्ञापन में यह बताना होगा कि उनपर किन-किन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। यही नहीं जिस पार्टी से वह प्रत्याशी घोषित होगा उसे भी विज्ञापन के जरिए आम लोगों को यह बताना होगा कि आखिर उनकी पार्टी ने आपराधिक पृष्टभूमि वाला प्रत्याशी क्यों घोषित किया है?
चुनाव आयोग ने कहा कि दागी उम्मीदवारों को पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख से मतदान के दो दिन पहले तक के आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों और टीवी चैनलों के माध्यम से मतदाताओं को बताने होंगे। उन्हें सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा बड़े अक्षरों में अखबारों छपवाना होगा।

2. बुजुर्गों, दिव्यांगों और मरीजों के लिए क्या?
चुनाव आयोग ने कहा कि बुजुर्गों, दिव्यांगो और मरीजों को घर से वोट देने की सुविधा होगी। इसके लिए वोटर्स को पहले से ही सूचना देनी होगी। ऐसे मतदाता बैलेट पेपर के जरिए अपना वोट कर सकेंगे। आयोग ने ये भी कहा कि बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार ये सुविधा दी जा रही है।

3. महिलाओं के लिए क्या अलग होगा?
पहली बार कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगी। ये महिलाओं को प्रोत्साहित करने के इरादे से किया जा रहा है।

4. पारदर्शिता के लिए नया क्या?
आयोग ने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता कायम करने के लिए कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी। यह पहली बार होगा जब इतनी बड़ी संख्या में पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी। इसके जरिए लोग देख सकेंगे कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग होगी।

5. समय और वोटर्स के लिए नया क्या होगा?
आयोग ने कोरोना को देखते हुए मतदान का समय एक घंटे बढ़ाने का फैसला लिया है। 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 23.9 लाख पुरुष और 28.8 लाख महिला मतदाता हैं। आयोग के मुताबिक, नए मतदाताओं में 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं। पहली बार महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से अधिक हुई है। चुनाव आयोग ने कहा कि 2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं। इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है। पांच लाख महिला वोटर्स की संख्या में इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं।

6. मतदान बढ़ाने के लिए क्या करेंगे?
आयोग ने कहा कि 2017 विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव का डेटा देखा जा रहा है। इन दोनों चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर कम वोटिंग हुए हैं, वहां घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। लोगों को वोटिंग के फायदे बताए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश के दौरे के बाद चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
‘चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों से बात हुई’
‘सभी राजनीतिक पार्टियां समय पर विधानसभा चुनाव चाहती हैं’
सभी राजनीतिक पार्टियों ने की चुनाव आयोग से मांग
‘विधानसभा चुनाव कोविड प्रोटोकॉल के साथ तय समय पर हों’
‘ज्यादा से ज्यादा लोग चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनें’
यूपी में करीब 15 करोड़ वोटर की संख्या
यूपी में 52 लाख से ज्यादा नए वोटर्स- चुनाव आयोग
800 पोलिंग स्टेशन पर होगीं महिला पोलिंग अधिकारी
5 जनवरी तक जारी होगी फाइनल मतदाता सूची
बुजुर्गों-दिव्यांगों को घर पर वोटिंग की सुविधा
रैलियों की संख्या और रैलियों में संख्या सीमित करने का सुझाव
यूपी में पोलिंग बूथ की संख्या को 11 हजार तक बढ़ाया जाएगा
वोटिंग के लिए 11 दस्तावेज मान्य होंगे
स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, प्रलोभन मुक्त कालाधन मुक्त चुनाव कराना मकसद