First Phase Voting: पहले फेज में कम मतदान ने भाजपा की उड़ाई नींद!

First Phase Voting: 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान ने राजनीतिक पार्टियों की मुश्किलें बढ़ दी है। कम मतदान ने राजनीति दलो का समीकरण बिगाड़ दिया है। कम मतदान से न केवल विपक्ष परेशान हैं ,बल्कि इससे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी खासा परेशान हैं। सभी राजनीतिक दलों को महसूस हो गया है कि जनता और खासकर वोट्स में चुनाव के प्रति उदासीन है।

First Phase Voting

First Phase Voting: अब कोशिश हो रही है अगले चरणों के चुनावो में मतदान फ़ीसदी बढ़ाये जाय।

यूपी और बिहार ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन

लोकसभा चुनाव के पहले फेज में अपेक्षाकृत कम मतदान हुआ है। 2019 के अपेक्षा 5 से लेकर 7 फीसदी तक वोटिंग कम हुई है।
यूपी की आठ सीटों पर पहले चरण में करीब 60.25 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2019 में 68.86 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 8.61 प्रतिशत वोटिंग कम हुई। इन सीटों पर 2009 में 56.87 प्रतिशत और 2014 में 66.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वही पहले चरण में शुक्रवार को बिहार की चार सीटों नवादा, जमुई, औरंगाबाद और गया में वोटिंग हुई। इस चरण में मतदान प्रतिशत केवल 48.23 रहा। ये पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 से पांच फीसदी कम है। कम मतदान राजस्थान और उत्तराखंड में भी हुआ है। इन प्रदेशों में 5 फीसदी तक कम मतदान हुआ है। लेकिन भाजपा को यहां कोई ज्यादा नुकसान होता नही दिख रहा है ।

बीजेपी ने शुरू की कोर्स करेक्शन

कम मतदान को भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व परेशान है और उसकी कोशिश है कि अगले चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाये जाय।इसको लेकर बीजेपी हाईकमान लगातार बैठके कर रही है,जिसमें मतदान प्रतिशत को जोर-शोर से बढ़ाने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाई है। इस बैठक में पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को बूथ पर अधिक से अधिक सक्रिय करने की रणनीति बनी है । वहीं गर्मी के साथ-साथ गेहूं की कटाई के कारण व्यस्त चल रहे किसानों और ग्रामीण अंचल के लोगों को बूथ तक हर हाल में पहुंचाने की भी रणनीति बनी है।

चुनाव प्राभारियों को किया गया टाइट

चुनाव प्रभारियों को निर्धारित क्षेत्रों में फुल टाइम रहने को कहा गया है। क्षेत्र प्रभारियों और कलस्टर इंचार्ज की पार्टी ने जिमेदारी बढ़ा दी है। शक्ति केंद्र के अध्यक्षों, बूथ इंचार्ज,और पन्ना प्रमुखों से प्रतिदिन मीटिंग और रिपोर्ट तैयार करने का पार्टी ने निर्देश जारी किया है।प्रदेश अध्यक्ष और राज्य प्रभारियों को बूथ कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद करने को कहा गया।चुनाव प्रभारी को संगठन के लोगो साथ तालमेल बिठा कर चुनाव के दिन मतदाताओं को बूथ तक पहुंचने की जिमेदारी दी गई है।बीजेपी ने भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को वर्चुअल मीटिंग और व्हाट्स एप पर प्रतिदिन की रिपोर्ट डालने को कहा है।

लोगो को घरों से निकाल कर मतदान केंद्र पर लाने की बनी योजना

102 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान को लेकर भारतीय जनता पार्टी में बैठको का दौर जारी है। अगले फेस में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिये मतदाताओं को बूथ पर लाने के लिए परंपरागत तौर पर अपनाए जा रहे तरीकों पर अमल लाने को कहा गया।इस बैठक में यह किया गया कि बूथ के कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक सक्रिय किया जाए जिससे वह हर हाल में लोगों को अगले चरण में मतदान स्थल तक ले जाएं जिससे मत प्रतिशत बढ़ सके। इसके लिए पार्टी ने हर स्तर पर समन्वय करने के लिए 24/7 इस पर बारिकी से नजर रखने को कहा है। अगर इस पर भी बात नही बनी, तो भावनात्मक मुद्दो का भी सहारा लिया जा सकता है ।

इसे भी पढ़े:-Chanakya Niti: आचार्य़ चाणक्य के ये बाते अपनाकर बन सकते है सफल