G20 Summit 2023: 220 मीटिंग,60शहर, 1.5 करोड़ लोग,ऐसे बदला देश की अर्थव्यवस्था

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G20 Summit 2023: भारत जी-20 के लिए मंच सज चुका है। 7 सितंबर से दुनिया के कई बड़े नेता भारत पहुंचना शुरू हो जाएंगे। 9 और 10 सितंबर को शिखर सम्मेलन होगा। क्या जी-20 का मकसद इतना ही है या सालभर से ज्यादा समय से इसे जुड़े कार्यक्रम ने देश की अर्थव्यवस्था को कैसे बदला है आईए जानते हैं-

G20 Summit 2023

दिल्ली g20 के लिए बैठक के लिए आने वाले दिग्गजों का स्वागत करने के लिए पूरे तरीके से तैयार है। सड़कों चौराहा पार्कों से लेकर मुख्य आयोजन स्थल भारत मंडपम तक पूरे देश में एक उत्सव जैसा माहौल है । कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन दुनिया के कई नेता भारत पहुंचना शुरू कर रहे हैं। लेकिन क्या जी-20 से 5 दोनों का उत्सव है या बीते 1 साल में जब से भारत को इसके अध्यक्षता मिली है इसमें देश के अर्थव्यवस्था को भी बदला है।

भारत ने g20 की अध्यक्षता को दुनिया के पटल पर अपनी अर्थव्यवस्था पावर के साथ-साथ सॉफ्ट पावर शोकेस करने का भी जरिया बनाया है। जी 20 से जुड़ी करीब 220 बैठ के देश के कोने कोने में आयोजित की गई। इसमें देश के 28 राज्यों 8 केंद्र शासित राज्यों के साथ शहरों में आयोजित हुए और दुनिया के अलग-अलग राज्यों से देश से आए मेहमानों ने भारत के कोने-कोने को देखा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 इवेंट को जहां भारत के हर राज्य से जोड़कर उनके अंदर आत्मविश्वास भरने का काम किया। वहीं दुनिया को भारत की विविधता में एकता वाली संस्कृति से भी रूबरू कराया ।हाल ही में जब जी-20 के डिजिटल इकोनामी मंत्री स्तरीय बैठक बेंगलुरु में हुई तब प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इकोनामी पर चर्चा के लिए बेंगलुरु से बढ़िया जगह और कोई हो नहीं सकती थी।

इसी तरह संस्कृति मंत्रियों की बैठक वाराणसी में हुई जिसकी अपनी एक सांस्कृतिक पहचान है जिसे दुनिया का पुराना सांस्कृतिक केंद्र होने का दर्जा मिला हुआ है। भारत में इस मौके पर दुनिया को जम्मू कश्मीर से लेकर त्रिपुरा अरुणाचल प्रदेश तक दिखाया वह गांधी नगर जयपुर से लेकर गंगटोक और ईटानगर की संस्कृति से भी रूबरू करवाया।

हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 को लेकर जब उनकी राज्यों के मुख्यमंत्री से बातचीत हुई तो उन्होंने उनसे न सिर्फ अपने-अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को सॉकेट करने के लिए कहा बल्कि उनके राज्य में पहुंचने वाली जी-20 के प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क में रहने के लिए भी कहा ताकि भविष्य में इससे कई और मौके तैयार हो सके।

जी-20 का अपॉइंटमेंट वर्किंग ग्रुप की बैठक मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित हुई यह पूरी तरह से जीरो वेस्ट मीटिंग थी जहां प्लास्टिक की बोतल लाने पर मनाही थी लिखने के लिए जो पद इस्तेमाल किया गया वह रियूजेबल पेपर से बना था। यह भारत के स्वच्छ भारत पहला को शोकेस करने का एक जरिया था। वैसे भी इंदौर बीते 6 सालों से देश का सबसे साफ सुथरा शहर बना हुआ है।

G20 Summit 2023 ऐसे ही जयपुर में जी-20 की ग्लोबल ट्रेड मीटिंग हुई तो गोवा में जो बैठकर हुई इस तरह से मोदी सरकार ने सीमेंट को देश के अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर इंस्पेक्टर इकोनामी से जोड़ने का काम किया। प्रधानमंत्री की इस पहल के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा कि सरकार अलग नजरिया से सोचती है। प्रधानमंत्री एक तरह से डिप्लोमेसी का लोकतांत्रिक कारण करना चाहते हैं वह चाहते हैं कि पूरे देश को लगे कि वह जी-20 में प्रतिभा कर रहा है।

हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठकर अलग-अलग शहरों में होने के दौरान करीब 1.5 करोड़ लोग किसी न किसी तरह इससे जुड़े रहे। इतने बड़े अस्तर के इवेंट से जोड़ने का उनके अंदर एक अलग आत्म विश्वास पैदा होता है गैर मेट्रो शहरों के लोगों को पहले यह अनुभव नहीं मिल पाता था।

इन बैठको में 125 नेशनल लीडर ने 1 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत के अलग-अलग हिस्से को देखा है इसका असर भारत की इकोनॉमी उन शहरों की और राज्यों की अर्थव्यवस्था पर पड़ा जहां यह प्रतिनिधि गई। यह सभी मौके पर्यटन से आय बढ़ाने में मददगार होने वाले है ।

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