Gift for the Women of Bastar: आपके खाते में 1000 रुपए जमा हुए हैं, कभी जिन रास्तों पर बंदूक की गूंज सुनाई देती थी, अब वहां उम्मीद की बातें हो रही हैं। बस्तर के वही गांव, जहां डर की छाया में दिन बीतते थे, अब एक नई सुबह का इंतज़ार कर रहे हैं।
Gift for the Women of Bastar
5 नवम्बर को कुछ ऐसा पल आने वाला है, जब देश के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में मंच पर बैठकर कंप्यूटर के एक बटन पर क्लिक करेंगे — और उसी पल नक्सलवाद से प्रभावित गांवों की हजारों महिलाओं के खातों में खुशी की खबर पहुँच जाएगी — आपके खाते में 1000 रुपए जमा किए गए हैं।
5 नवम्बर को देश के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में इन महिलाओं के साथ एक बहुत ही खास पल साझा करेंगे। वे अपने हाथों से महतारी वंदन योजना की 21वीं किश्त जारी करेंगे। इस बार 69 लाख से ज्यादा महिलाओं को कुल 647 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि मिलेगी।
इनमें से 7658 महिलाएँ बस्तर के उन गांवों से हैं, जो हाल ही में नक्सलवाद से मुक्त हुए हैं। इन महिलाओं को पहली बार इस योजना का लाभ मिलेगा। यह उनके लिए किसी त्यौहार जैसा दिन होगा — क्योंकि यह सिर्फ पैसे की मदद नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस योजना को हर महिला तक पहुँचाने का संकल्प लिया है। इसका मकसद है , महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, ताकि वे खुद के फैसले ले सकें और अपने परिवार को मजबूत बना सकें।
अब तक इस योजना के तहत महिलाओं को 13,024 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी जा चुकी है। और 5 नवम्बर को जब यह नई किश्त जारी होगी, तो यह आंकड़ा बढ़कर 13,671 करोड़ रुपए हो जाएगा।
बस्तर में विकास की यह कहानी “नियद नेल्ला नार योजना” से भी जुड़ी है। इस योजना के तहत अब तक 327 गांवों में सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और रोजगार के नए अवसरों की शुरुआत हुई है। इन्हीं गांवों की महिलाएँ अब महतारी वंदन योजना का भी हिस्सा बन गई हैं —
बीजापुर की 3872, दंतेवाड़ा की 428, कांकेर की 191, नारायणपुर की 559, और सुकमा की 2608 महिलाएँ अब इस योजना की नई लाभार्थी हैं।
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