Gyanvapi Case: वाराणसी मामले में सुनवाई कर रहे जिला जज डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेश ने अपने रिटायरमेंट के दिन महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
Gyanvapi Case
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में तहखाना में पूजा पाठ के अधिकार को लेकर जिला जज की अदालत में 2016 में याचिका दाखिल की गई थी। इसी याचिका पर जिला अध्यक्ष डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेश की कोर्ट में 30 जनवरी को इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी। 31 जनवरी को जिला जज डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेश ने हिंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है। आईए जानते हैं वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेश कौन है।
वाराणसी के जिला अध्यक्ष डॉ अजय कुमार विश्वेश उत्तराखंड हरिद्वार के रहने वाले हैं। इनका जन्म 1964 में हरिद्वार में हुआ था डॉक्टर अजय कुमार ने विज्ञान से ग्रेजुएशन करने के बाद कानून की पढ़ाई की इन्होंने साल 1984 में एलएलबी और 1986 में एलएलएम किया था । डॉ अजय कुमार ने साल 1990 में उत्तराखंड के कोटद्वार से मुंशीप कोर्ट से अपने करियर की शुरुआत की थी।
वाराणसी का जिला जज बनने से पहले डॉक्टर अजय कुमार बुलंदशहर के जिला जज रह चुके हैं। सहारनपुर और प्रयागराज में भी बतौर जिला जज अपनी जिम्मेदारी को निभा चुके हैं। जिला जज बनने से पहले अजय कुमार विश्वास ने राज्य के कई जिलों में न्यायिक पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन किया। वाराणसी में जब से इन्होंने ज्ञानवापी कैसे की सुनवाई शुरू की तभी से यह सुर्खियों में है।
जिला अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार विश्वास की वाराणसी में तैनाती 21 अगस्त 2021 को हुई थी 31 जनवरी 2024 यानी कि आज उनका रिटायरमेंट है। पिछले 2 सालों में डॉक्टर अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी मामले में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। जैसे एएसआई सर्वे, ऑर्डर 7 रूल 11 का फैसला यानी कि श्रृंगार गौरी के मामले की पोषणीयता पर फैसला, व्यास जी के तहखाना को डीएम वाराणसी को सौंपने का फैसला . एएसआई सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपने का आदेश देना और व्यास जी के तहखाना में हिंदू पक्ष को पूजा पाठ का अधिकार देने का ऐतिहासिक फैसला देने जैसे महत्वपूर्ण फैसला डॉक्टर अजय कुमार ने दिया है।
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