Hurdle Technology: DRDO की हर्डल टेक्नोलॉजी जो फूड आइटम्स के लिए है बेस्ट

Hurdle Technology

Hurdle Technology: DRDO की हर्डल टेक्नोलॉजी इंडियन फूड प्रिजर्वेशन सिस्टम के लिए एक बेहतरीन इनोवेशन है. यह किसानों, ट्रेडर्स और कंज्यूमर्स के लिए समान रूप से फायदेमंद है. आइए जानते हैं.

Hurdle Technology

आज हम आपको एक ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में बताने जा रहे है जिसको फूड आइटम्स को ज्यादा समय तक ताजा बनाए रखने के लिए इस्तेमाल की किया जाता है रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हर्डल टेक्नोलॉजी विकसित की है, हर्डल टेक्नोलॉजी में तरह-तरह के कारकों का यूज करके फलों के खराब होने की प्रक्रिया को धीमा किया जाता है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और वो ज्यादा समय तक सुरक्षित रहते हैं.

हर्डल टेक्नोलॉजी फूड प्रिजर्वेशन की एक मल्टीडाइमेंशनल प्रक्रिया है जिसमें कई कारकों का कॉम्बिनेशन करके माइक्रो ऑर्गेनिज्म की वृद्धि को रोका जाता है. इसमें तापमान, मॉइस्चर, पीएच (pH), प्रिजर्वेटिव्स और पैकेजिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. यह तकनीक केवल सिंगल प्रक्रिया पर निर्भर नहीं करती, बल्कि कई बैरियर्स का कॉम्बिनेशन करके फूड आइटम्स की गुणवत्ता बनाए रखती है. इसका मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि खाना अधिक समय तक सुरक्षित, पोषक और ताजा बना रहे.

हर्डल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

तापमान नियंत्रण: फलों को सही तापमान पर रखा जाता है, जिससे उनकी नमी संतुलित रहती है और खराब होने की गति धीमी हो जाती है. ठंडे वातावरण में स्टोरेज से माइक्रो ऑर्गेनिज्म की वृद्धि रोकी जाती है.

पीएच स्तर का संतुलन: एसिडिटी को नियंत्रित करके बैक्टीरिया और फफूंद की वृद्धि को रोका जाता है. नेचुरल प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल करके फलों की ताजगी बनाए रखी जाती है.

वॉटर एक्टिविटी का नियंत्रण: माइक्रोऑर्गेनिज्म की वृद्धि को रोकने के लिए फलों की सतह पर पानी की मात्रा को कम किया जाता है. इस प्रक्रिया से फलों की बनावट और स्वाद लंबे समय तक बना रहता है.

प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन नेचुरल प्रिजर्वेटिव्स जैसे कि बायो-केमिकल कंपाउंड्स का इस्तेमाल करता है, जो फलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं. सिंथेटिक केमिकल्स के बजाय नेचुरल तरीकों को तवज्जो दी जाती है.

मॉडिफाइड एटमॉस्फियर पैकेजिंग: फलों को एक नियंत्रित वातावरण में पैक किया जाता है, जिससे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा संतुलित बनी रहती है. यह तकनीक फलों की ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को धीमा कर देती है, जिससे वो जल्दी खराब नहीं होते.

ये तकनीक आम लोगों के लिए कैसे उपयोगी है?

किसानों को ये फायदे मिलते हैं

  • हर्डल टेक्नोलॉजी से फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, जिससे किसानों को जल्दी बिक्री करने का दबाव नहीं रहता.
  • खराब होने वाले फलों की बर्बादी कम होती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है.
  • यह तकनीक किसानों को विदेशी बाजारों में अपने प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करने में मदद करती है.

ट्रेडर्स को मिलने वाले फायदे

  • फलों के स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन में कम लागत आती है.
  • व्यापारी लंबे समय तक ताजा फल बेच सकते हैं, जिससे बिजनेस में वृद्धि होती है.
  • ऑर्गेनिक और नेचुरल प्रिजर्वेटिव के कारण ग्राहक ज्यादा आकर्षित होते हैं.

कंज्यूमर्स को मिलने वाले फायदे

  • लोग ज्यादा समय तक ताजा फल खा सकते हैं, जिससे उनकी सेहत बेहतर बनी रहती है.
  • केमिकल फ्री और नेचुरल तरीके से संरक्षित फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होता है.
  • कम कीमत पर लंबे समय तक स्टोर किए गए फल मौजूद रहते हैं, जिससे फलों की बर्बादी कम होती है.

इस तकनीक के जरिये फलों की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है, बर्बादी कम होती है और नेचुरल प्रिजर्वेटिव के कारण स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है.

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