IITF 2024: देश की राजधानी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की दिखी झलक

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IITF 2024: छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से बांधा समां

अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की बिखरी छंटा

दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ राज्य दिवस पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

IITF 2024

नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024- देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति व कला के बड़ी संख्या में लोग आज साक्षी बने। मौका था 43वें भारत अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ राज्य दिवस पर सांस्कृतिक संध्या का, जहां एमफी थियेटर में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से समां बाँधा।

कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ पवेलियन का अवलोकन किया, जहां अलग-अलग स्टॉलों का भ्रमण कर कलाकारों से जानकारी ली एवं उन्हें प्रोत्साहित किया।

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में राज्य को “संभावनाओं की भूमि” बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब “सशक्त भारत” के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि में नवाचार, और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हमारा उद्देश्य राज्य को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास के संयोजन के साथ एक वैश्विक पहचान बनाने के लिए तैयार है।

सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ से आये कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न उत्सवों, तीज त्योहारों पर किए जाने वाले नृत्यों की प्रस्तुति दी। जहाँ दर्शकों ने भी भरपूर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।
छत्तीसगढ़ी लोकमंच पर गौरा-गौरी, भोजली, राउत नाचा, सुआ, और पंथी जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। नृत्य के माध्यम से कलाकारों ने छत्तीसगढ़ की.

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