कानपुर, यूपी। भारतीय प्रौधोगिकी संस्थान कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी एगनीस बेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेडके वैज्ञानिकों ने भूमि नाम से स्वचालित कम्पोस्टिंग मशीन विकसित की है,जो महज दस दिन में कचरे को खाद में बदल देगी। यह उपकरण कार्बन फिल्टर, एयर पम्प, सोलर पैनल जैसी तकनीकी से लैस है। आईआईटी के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर के तहत वर्तमान में सौ से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत है। यह कंपनियां आईआईटी के ही तमाम पूर्व और वर्तमान छात्र मिलकर संस्थान के प्रोफेसर व वैज्ञानिकों की मदद से चला रहे हैं।
इसी में से वर्ष 2018 में स्थापित कंपनी एगनीस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने संस्थान की इमेज इंजिनीरिंग लैब और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के सहयोग से स्वचालित कम्पोस्टिंग मशीन बनाई है। इससे अपशिष्ट प्रबंधन के साथ ही खेतीबाड़ी के लिए कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। वैज्ञानिकों ने इसे भूमि नाम दिया है। इससे कचरे को स्वदेशी रूप से जैविक खाद में बदला जा सकता है। इसमे केवल 10 से 20 दिन लगते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में जैविक कचरे का प्रबंधन हमेशा से महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए यह चिंता का विषय है। आईआईटी की कंपनी के वैज्ञानिकों ने स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह उपकरण बनाकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई देकर कहा कि यह उपकरण जैविक कचरे के उपचार के लिए वरदान साबित होगा और स्वछ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करेगा।
रिपोर्ट- कमर आलम