In Vitro Fertilization: IVF अगर बार-बार फेल हो रहा है, तो आयुर्वेद में है बांझपन का इलाज, जानें रोग विशेषज्ञ से

In Vitro Fertilization

In Vitro Fertilization: आईवीएफ (IVF), या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, हाल के दिनों में काफी लोकप्रिय हो गया है। अधिक से अधिक लोग इसे चुन रहे हैं। हालांकि आईवीएफ हर मामले में सफल नहीं होता है, तो क्या ऐसे में आयुर्वेद का सहारा लिया जा सकता है.

In Vitro Fertilization

हर महिला के लिए मां बनने का अहसास बेहद खास होता है। कहते हैं कि एक बच्चे के साथ मां का भी नया जन्म होता है लेकिन किसी वजह से अगर कोई औरत मां नहीं बन पाती, तो उन्‍हें आईवीएफ की सलाह दी जाती है। IVF में पुरुष के स्पर्म को महिला के अंडे के साथ लैब में विकसित किया जाता है. उससे बने भ्रूण को महिला के गर्भाशय में फिर इम्प्लांट किया जाता है। हालांकि आईवीएफ हर मामले में सफल होता नहीं है. कई महिलाओं में तो दो से तीन बार तक आईवीएफ फेल हो जाता है, तो क्या ऐसे में आयुर्वेद का सहारा लिया जा सकता है. क्या चिकित्सा की इस पद्धित से बांझपन की समस्या खत्म हो सकती है. इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं.

रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा

रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने बताया कि IVF की मदद से हर कपल को बच्चा कंसीव नहीं होता है. उनके पास ऐसे कई पेशेंट्स आते हैं जिसके दो दो, तीन तीन IVF फेल हो चुके होते हैं. डॉ चंचल बताती हैं किअगर महिला पार्टनर की उम्र 35 वर्ष से अधिक है तो एग की क्वालिटी में गिरावट आने लगती है ऐसे में आईवीएफ फेल होने की आशंका रहती है. कुछ महिलाओं में भ्रूण को गर्भाशय में इम्प्लांट करने के बाद भी आईवीएफ फेल हो सकता है. ऐसा यूट्रस के स्वस्थ न होने से होता है. IVF की सफलता के लिए महिला का वजन कंट्रोल होना भी जरूरी है.

IVF फेल नहीं हो उसका तरीका

इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए पहले आपको चाहिए कि वजन कंट्रोल में रखें. शराब और धूम्रपान न करें. अगर किसी महिला की एंडोमेट्रिओसिस है या ट्यूबल ब्लॉकेज है तो पहले इसका इलाज कराएं.

आयुर्वेद में है इसका इलाज

डॉ. चंचल बताती हैं कि अगर कोई आयुर्वेदिक तरीके से बीज संस्कार करके फिर अगर आप IVF करवाते हैं तो सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है.आयुर्वेदा में कुछ गर्भसम्भव भाव हैं., जिनपर अच्छे से काम करके आप प्रेगनेंसी की प्रक्रिया को सफल कर सकती हैं. इसमेंऋतू क्षेत्र, बीज और अम्बु का ध्यान रखा जाता है. इसके साथ हीआयुर्वेदिक दवाओं, थेरेपी, डाइट की मदद से महिला को स्वस्थ किया जाता है. इसके बाद अगर महिला आईवीएफ कराती है तो इसकी सफलता दर बढ़ सकती है.

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