देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए साउथ अफ्रीका की राजधानी जोहानिसबर्ग में है। निवेश के रहस्य हिंदुस्तान के लिए काफी हम सम्मेलन है क्योंकि दूसरे देशों के मुकाबले 20 सालों में अफ्रीका में सबसे ज्यादा चीन ने निवेश किया है। वह पिछले 10 सालों में अफ्रीका देश को 134 बिलियन डॉलर यानी की 11 लाख करोड़ का कर्ज दे चुका है। अफ्रीकी देश इस चुकाने में नाकामयाब रहे तो चालबाज चीन इस बहाने उनका दोहन करने लगा। ब्रिक्स में ब्राजील रूस भारत चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल है।
चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई तो 2018 से उसने कर्ज देना भी कम कर दिया ऐसे चीन की छवि नेगेटिव बनी और भारत को फायदा मिला चीन के रख के कारण अफ्रीका में भारतीय कंपनियों पैर पसारने लगी और अब हर साल अफ्रीका में 170 बिलियन डॉलर यानी की 14 लाख करोड रुपए तक का निवेश करने की तैयारी कर रही है चीन का कर्ज चुकाने में भारत अफ्रीकी देशों की मदद कर सकता है।
रूस यूक्रेन जंग की वजह से पूरी दुनिया में अनाज संकट पैदा हुआ संकट का असर साउथ अफ्रीका में भी देखने को मिला। ऐसे में भारत जरूरी सामानों की आपूर्ति कर अफ्रीका महाद्वीप में अपनी पकड़ को पहले की तुलना में और मजबूत कर सकता है। बताया जा रहा है कि चीन को मान देने के लिए भारत का या पहले प्लान है ।
निवेश के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है भारत में पिछले 10 सालों में 2.65 लाख करोड रुपए से ज्यादा अफ्रीका के 42 देश को कर्ज दिया है दूसरा है व्यापार भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सोना कोयला क्रूड ऑयल और दूसरे खनिज का व्यापार होता है जो की 8.3 0 लाख करोड रुपए के पार कर चुका है तीसरा है भारत में बीते 9 साल में दूसरे देशों में दो दर्जन से अधिक नए दूतावास शुरू किए हैं इनमें से 18 दूतावास तो सिर्फ अफ्रीकी देशों में खोले गए हैं
भारत g20 में अफ्रीकी देशों को शामिल किए जाने का समर्थन करता है यानी कि डिप्लोमेस के लिहाज से भारत अफ्रीका को बेहद महत्वपूर्ण मान रहा है इसके अलावा अफ्रीका लगभग 30 लाख भारतीय मूल के लोगों का घर है यानी कि पीपल टू पीपल कनेक्शन अब इन्हीं को आधार बनाकर हिंदुस्तान अफ्रीका के मैदान में चीन को शिकायत देने की तैयारी कर रहा है
आईए जानते हैं ब्रिक्स का सम्मेलन क्यों है इतना महत्वपूर्ण
भारत की दुनिया में सह बड़ी है तो चीन अलग-अलग पड़ गया
मंडी के बावजूद हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत है लेकिन चीन इस मोर्चे पर दबाव में
हमारा विदेशी व्यापार 6 महीने में 800 अब पर कर गया तो चीन का निर्यात गिर गया
भारत का विकास दर जहां मजबूत रहने का अनुमान तो चीन का इस साल घटना का अनुमान
पश्चिमी देशों से रिश्ते मजबूत हो रहे तो चीन यहां भी पिछड़ता जा रहा है
महंगाई बेरोजगारी बढ़ी लेकिन कंट्रोल में है तो चीन में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है
भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार में पूरा भरोसा है लेकिन शी जिनपिंग सरकार पर भरोसा घट रहा है
ब्रिक्स सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे। इस बार इस बैठक के दो हम एजेंडा तय किए गए हैंष इनमें पहले है अपनी करेंसी में व्यापार शुरू करना मतलब डॉलर की जगह अपनी करेंसी में बिजनेस करना और दूसरा है ब्रिक्स ग्रुप का विस्तार करना । भारत इस वक्त दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था है। हिंदुस्तान की कोशिश ब्रिक्स देशों में अपने यूपीआई सिस्टम रुपए कार्ड और बाकी जुड़ी चीजों को एक्टिव करना करने की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद है लेकिन मकसद से ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेना नहीं बल्कि अफ्रीका में भारत की पकड़ को और मजबूत करना भी है। दक्षिण अफ्रीका पांचवा ऐसा देश है जिस पर चीन का सबसे ज्यादा प्रभाव है यही वजह है कि भारत में अब उसे क्षेत्र में चीन को पछाडने की पूरी तैयारी कर ली है।