Jharkhand News: लोकसभा हार से सबक नहीं लिया तो झारखंड विधानसभा जीतना भाजपा के लिए नहीं आसान

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  • झारखंड के आदिवासी इलाकों में भाजपा की हार का ठीकरा एक दूसरे पर
  • झारखंड बीजेपी में क्या चल रहा है…

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झारखंड में भाजपा 14 लोकसभा सीटों में से 8 सीटें जीत पायीं जबकि 2019 में भाजपा को 11 सीटें मिली थीं । भाजपा को इस बार 2019 की तुलना में सीटों और वोट दोनों का नुकसान हुआ है । आदिवासियों के लिए अनेक योजनाएं चलाने के बाद भी भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी बहुल सीटों पर हुआ है ।

दिल्ली भाजपा मुख्यालय में हुई झारखंड चुनाव समीक्षा बैठक में प्रदेश के पदाधिकारी, संगठन मंत्री और  आदिवासी मामलों के पूर्व मंत्री एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश करते रहे । झारखंड भाजपा सूत्रों के अनुसार बैठक अमित शाह और जे पी नड्डा ने ली थी । जिसमें प्रदेश अध्य़क्ष बाबू लाल मरांडी , संगठन मंत्री करमवीर , पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे ।

  भाजपा को आदिवासी बहुल इलाकों में सबसे बड़ा झटका लगा है सिंहभूम , लोहरदग्गा , राजमहल और दुमका ,खूंटी में सत्तारूढ़ झामुमो ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए आदिवासियों का विश्वास और वोट दोनों जीते । जबकि केंद्र में आदिवासी मामलों के कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड से ही सांसद थे लेकिन इस बार वे अपनी सीट खूंटी नहीं बचा पाए और भारी मतों से हार गए । झारखंड के प्रदेश अध्य़क्ष बाबू लाल मरांडी को पिछले साल दीपक प्रकाश को हटा कर अध्यक्ष बनाया गया था ।

दीपक प्रकाश राज्यसभा सांसद हैं । लेकिन भाजपा को मरांडी ने निराश ही किया फिर भी वे हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर न लेकर संगठन मंत्री पर लाद रहे थे । सूत्रों के अनुसार मरांडी ने कहा कि झारखंड में मंडल स्तर से नीचे भाजपा की टीमों नहीं है फिर ऐसे में काम कैसे हो सकता था । प्रदेश में हर स्तर पर टीमों के गठन की जिम्मेदारी संगठन मंत्री को दी गई है।

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