JNU News: पूर्वांचल का लाल जेएनयू मे करेगा कमाल

JNU News: मिथिला के लाल पर विद्यार्थी परिषद ने जताया जेएनयू में भरोसा

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JNU News: बिहार के मिथिला क्षेत्र के दरभंगा जिले से दिल्ली के ही नही अपितु पूरे भारत से उच्चतम शिक्षा संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय मे अध्ययन कर रहे आयुष कुमार मिश्रा विद्यार्थियों के ऐसे रोल मॉडल बन गये हैँ कि आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा इनको काउन्सलर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है, आयुष खुद सेंटर फॉर पर्शियन एंड सेंट्रल एशिन स्टडीज़ मे अपना अध्ययन कर रहे है। आयुष चुकी एक ऐसे क्षेत्र से आते हैं जहाँ शिक्षा को हमेशा से ही वरीयता दी गई है, मिथिला क्षेत्र के बारे मै कहा जाता कि “जहाँ गरीबी व प्रतिभा विरासत मे मिलती है” ।


आयुष अपने परिवार में पहली पीढ़ी हैं, जो दरभंगा से बाहर निकल कर पढ़ाई कर रहें हैं आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि बालक के भीतर इतना जनून है की वह उस विश्विधयालय मे उन ताकतों के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है जो सनातनी विरोधी, हिंदू विरोधी मत रखते हैं, जिनका दशकों से देश मे और इस संस्थान मे बहुमत रहा है, चाहे वो बहुमत हिन्दु युवती के साथ कुकर्म करके हो, या जातिवाद की राजनीति करके हो, परन्तु आज आयुष जैसे युवाओं को लगता है की अगर उनके खिलाफ कोई आगे बढ़कर खड़ा नही होगा तो उनका कुशासन उन विद्यार्थिओं पर पड़ता हि रहेगा, जिसका परिणाम कन्हैया कुमार और उमर खालिद जैसे लोगो ने “भारत तेरे टुकड़े होंगे” के कलंकित नारे लगाकर दर्शा दिया है।

आज आयुष मिश्रा की लड़ाई उन ताकतों से है जिनको लगता है की संस्थान के नाम उनके चहेते प्रधानमंत्री के नाम पर होने पर उनका ये संस्थान पर आजीवन अधिकार हो गया है, पिछले कई दशकों से जे.एंन.यू. मे पाल रहे देश के द्रोही वहां से सीधा पाकिस्तानी अजेंडा को अंजाम देते आए हैं, कई बार विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मार पीट और हिन्दुओं के प्रति अभद्र टिप्पणी, और हिंदु देवी देवताओं को अपमान करना उनका पेशा मात्र है।

आयुष कुमार मिश्रा अपने पूरी ताकत के साथ उन ताकतों के साथ भिड़ने का काम कर रहे हैं, जिन ताकतों ने उनके लिए वो परिस्थिति निर्माण किया, जिससे वो चुनाव मे अपना नामांकन तक ना कर सकें, परन्तु उनका हिम्मत और जज़्बा हि था कि आज वो चुनाव मे पूरी ताकत जो की विद्यार्थिओं की ताकत है, जिन विद्यार्थिओं को लगता है की उनका भविष्य अगर सही हाथ मे जाएगा जिससे प्रशाशन ठीक हो सकता है, इसलिए जे.एन.यू. के अधिकतर पूर्वांचाली छात्र छात्राओं का मत आयुष कुमार मिश्रा के पक्ष मे जाता हुआ दिख रहा है।

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