Kumbh Mahila Naga Sadhu: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है। ऐसे में यहां कई नागा साधु भी गंगा स्नान के लिए पहुंचे है इनमें महिला नागा साधु भी शामिल हैं। चलिए आज हम महिला नागा साधु के बारे में कई रोचक जानकारियां जानेंगे, जो शायद ही आपने सुने होंगे
Kumbh Mahila Naga Sadhu
नागा में बुहत साधु वस्रधारी और बहुत साधु दिगंबर यानी कि बिना कपड़ों के होती हैं। लेकिन महिलाएं भी जब संन्यास में दीक्षा लेती हैं तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है। लेकिन, वे सभी कपड़े पहनती हैं। महिला नागा साधुओं को अपने माथे पर एक तिलक लगाना होता है और एक ही कपड़ा पहनने की अनुमति होती है, जिसकी रंग गुरुआ होता है। महिला नागा साधु बिना सिला हुआ कपड़ा पहनती हैं, जिसे गंती कहा जाता है। नागा साधु बनने से पहले महिला को 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। जब महिलाएं ये कर लेती हैं, तो उन्हें महिला गुरु नागा साधु बनाने की अनुमति दे देते हैं।
पीरियड्स के दौरान महिला नागा साधू
लोगों के मन में यह सवाल अक्सर आता है कि महाकुंभ के दौरान अगर महिला साधु को मासिक धर्म हो जाए तो वो क्या करती हैं? इस सवाल का जवाब आज हम आपको बताएंगे। महिला नागा साधु केवल उस दिन गंगा स्नान करती हैं। जब उन्हें मासिक धर्म नहीं होता। अगर कुंभ के दौरान उन्हें पीरियड्स आ जाएं तो वो गंगा जल के छींटे अपने ऊपर छिड़क लेती हैं। इससे मान लिया जाता है कि महिला नागा साधु ने गंगा स्नान कर लिया है।
क्या खाती हैं महिला नागा साधु
सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठकर शिवजी का जाप करती हैं और शाम को दत्तात्रेय भगवान की आराधना करती हैं. दोपहर में भोजन के बाद फिर वह शिवजी का जाप करती हैं. नागा साधु खाने में कंदमूल फल, जड़ी-बूटी, फल और कई तरह की पत्तियां खाते हैं। महिला नागा साधु के रहने के लिए अलग-अलग अखाड़ों की व्यवस्था की जाती है।
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