Lok Sabha Expels Mahua Moitra: कैश फॉर क्वेरी मामले में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी कि संसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा से सदस्यता रद्द कर दी गई है।
Lok Sabha Expels Mahua Moitra
Lok Sabha Expels Mahua Moitra: इस मामले में लोकसभा से प्रस्ताव पारित हुआ संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने निष्कासन का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमति से मंजूरी दे दी। इस कार्रवाई का विरोध कर रहे सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया। महुआ मोइत्रा के समर्थन में तमाम विपक्षी सांसद भवन के बाहर आए । इसमें सोनिया गांधी भी शामिल थी इससे पहले लोकसभा की अध्यक्ष कमेटी की रिपोर्ट पर आधे घंटे से अधिक चर्चा हुई। इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने महुआ को बोलने का मौका नहीं दिया उन्होंने कहा कि महुआ कमेटी के सामने अपनी बात को रख चुकी है ।
संसद सदस्यता रद्द होने पर महुआ ने कहा कि मैंने अडानी का मुद्दा उठाया जिस वजह से मुझे संसद के सदस्यता से बर्खास्त किया गया। एथिक्स कमेटी के सामने मेरे खिलाफ कोई मुद्दा नहीं था कोई सबूत नहीं थे बस उनके पास केवल एक ही मुद्दा था कि मैं अडानी का मुद्दा उठाया था।
कांग्रेस ने महुआ के खिलाफ आचार समिति की रिपोर्ट पर शुक्रवार को लोकसभा में आनन फानन में चर्चा कराए जाने का आरोप लगाया पार्टी ने कहा कि यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। यह सदस्यों को रिपोर्ट पढ़ने के लिए तीन-चार दिन दे दिए जाते तो आसमान नहीं टूट जाता। कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी ने कहा की वकालत पेशे में 31 साल के करियर में उन्होंने जल्दबाजी में बाहर जरूर की होगी लेकिन सदन में जितनी जल्दबाजी में उन्हें चर्चा में हिस्सा लेना पड़ रहा है वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा।
वहीं दूसरी और टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कहा यह नियमों और संविधान के खिलाफ है। महुआ को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।
वहीं भाजपा के सांसदों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन हुआ है। भाजपा की सांसद अपराजिता सारंगी ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि महुआ ने जो किया वह सही था या गलत। तीन बैठके हुई इसमें महुआ को समय दिया गया। मीटिंग के दौरान महुआ ने बदतमीजी की।
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद विनोद सोनकर के अध्यक्षता वाली आचार समिति ने 9 नवंबर को बैठक में महुआ को पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था। समिति के 6 सदस्य ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया इनमें से कांग्रेस से निंबी सांसद परणीत कौर भी शामिल थी समिति के कर विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर स्मृति नोट दिए थे।
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